मान सरकार की ड्रग्स माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति, इसमें शामिल किसी को भी बख़्शा नहीं जाएगा: कंग
कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी(आप) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नई एसआईटी को जांच के दौरान पर्याप्त सबूत मिले हैं कि सुखपाल खैरा ड्रग्स तस्करी में शामिल रहे हैं। इसलिए एसआईटी की टीम ने उन्हें आगे की जांच-पड़ताल के लिए गिरफ्तार किया है।
वीरवार को चंडीगढ़ पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए ‘आप’ पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार पंजाब से नशा खत्म करने के लिए गंभीरतापूर्वक दिन-रात काम कर रही है। मान सरकार की ड्रग्स माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। ड्रग्स तस्करी में शामिल किसी को भी, चाहे वह कितना भी रसूखदार क्यों न हो, बख़्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी कोई राजनीतिक बदले के कारण नहीं हुई है। उनकी गिरफ्तारी एसआईटी जांच के दौरान उनके खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर हुई है। अगर हमें राजनीतिक बदला लेना होता तो डेढ़ साल से पंजाब में हमारी सरकार है। पहले भी उनकी गिरफ्तारी हो सकती थी।
कंग ने कहा कि 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने सुखपाल खैरा को राहत तो दिया था, लेकिन कोर्ट ने अपने आदेश में साफ लिखा था कि पंजाब पुलिस इस मामले की दोबारा जांच कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर ही पंजाब पुलिस की एसआईटी ने इस मामले की दोबारा जांच शुरू की है।
कंग ने कहा कि 2015 में अकाली-भाजपा सरकार के दौरान ड्रग्स मामले में जिस मनजीत सिंह और गुरदेव सिंह के खिलाफ बॉर्डर पार से ड्रग्स तस्करी के आरोप लगे थे, वह दोनों सुखपाल खैरा के बेहद करीबी है। इसीलिए ईडी ने उस समय सुखपाल खैरा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया था और वह इस मामले में वह जेल भी गए थे। कंग ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है क्योंकि इसके तार पाकिस्तान से लेकर यूके तक जुड़े हुए हैं।
पंजाब की सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करते हुए कंग ने कहा कि अगर विपक्षी पार्टियां चाहती है कि पंजाब से नशा खत्म हो तो किसी भी पार्टी को सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी का विरोध नहीं करना चाहिए। अगर कोई पार्टी इसका विरोध करती है तो यही माना जाएगा कि वह ड्रग्स तस्करों का समर्थन करती है।