
लखनऊ। रहीमाबाद क्षेत्र में बीते दिनों बुखार से ग्रसित पांच मरीजों की मौत हो चुकी है। इनका इलाज पास के निजी क्लीनिक में चल रहा था। इलाज में हुई लापरवाही की शिकायत पर रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान कई फर्जी डॉक्टर मरीजों व तीमारदारों को क्लीनिक के अंदर ही बंद कर भाग गए। टीम ने ग्रामीणों की मदद से पीड़ितों को मुक्त कराया।
रहीमाबाद इलाके में दर्जनों अस्पताल और क्लीनिक बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किये जा रहे हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अनदेखी करता आ रहा है। अब जब इनके इलाज से लोगों की जान जाने लगी तो स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई की याद आई। टीम को देख दरोगा चक्की स्थित हसीन मार्केट में संचालित हो रहे क्लीनिक के संचालक ने मरीजों को अंदर बंद कर मौके से फरार हो गया।
मरीज अंदर ही बंद रहे। वहीं लापरवाही का आलम यह है कि पांच लोगों की मौत होने के बाद सीएचसी से अधीक्षक खुद गए नहीं और न ही सीएमओ कार्यालय से कोई निरीक्षण के लिए गया। केवल सीएचसी से एक टीम भेजने की बात कही जा रही है जिसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई। टीम ने सभी क्लीनिक बंद होने की रिपोर्ट सौंप दी और मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
कार्रवाई न होने से हौसले बुलंद :
जिन क्लीनिक और अस्पताल में रविवार को टीम ने छापेमारी की है। उन्हीं क्लीनिक में कुछ दिनों पहले भी छापेमारी हुई थी। मौके पर टीम को रजिस्ट्रेशन से संबंधित कोई प्रपत्र नहीं मिले थे और न ही कोई प्रशिक्षित डॉक्टर मिला था। इसके बावजूद इनका संचालन बंद नहीं कराया गया। वहीं, रविवार को भी टीम के जाने के बाद सभी क्लीनिक खोल दिए गए।
क्या बोले जिम्मेदार
”टीम को छापेमारी के लिए भेजा गया था, वहां पर सभी क्लीनिक बंद मिले हैं, यदि किसी मरीज को अंदर बंद किया गया है तो उसकी जानकारी नहीं है”। -डॉ. अपूर्व भटनागर, सीएचसी अधीक्षक मलिहाबाद।