धीरेंद्र शास्त्री बोले, मैं नालायक गांव का वासी, 10 रुपए की राजनीति पर करोड़ों का आध्यात्म नहीं लुटाता
कानपुर: कथावाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कानपुर में कहा कि हम 10 रुपये की राजनीति पर करोड़ों का आध्यात्म नहीं लुटाते. राजनीति पर हमें कुछ नहीं बोलना है. धीरेंद्र शास्त्री का कानपुर में अशोक नगर स्थित समाजसेवी सुनील शुक्ला के घर आने का कार्यक्रम निर्धारित था. यहां उन्होंने परिवार वालों से मिलने के बाद पत्रकारों से बात की.
हिंदुस्तान में नहीं तो क्या पाकिस्तान में होगा रामायण का पाठः जब उनसे पूछा गया कि योगी सरकार हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री पर बैन लगा रही है, क्या यह सही है? तो उन्होंने फौरन जवाब दिया कि ये बिल्कुल सही है. अगर हिंदुस्तान में रहकर हम रामायण और रामचरितमानस का पाठ नहीं करेंगे तो क्या पाकिस्तान में जाकर करेंगे. अपने मजाकिया अंदाज में कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने भक्तों से कहा, कि हम देर से आए…इसके लिए आई एम वैरी-वैरी नॉट सॉरी.
जो राम का नहीं, वह किसी काम का नहींः हम कोई भगवान नहीं हैं, हम तो नालायक गांव के आदमी हैं. हमें आप हनुमान जी के चरणों का दास मानो. बोले, मेरे पागलों आज से प्रण कर लो या तो हनुमान जी को मानना छोड़ दोगे या हनुमान चालीसा पढ़ना छोड़ दोगे. उन्होंने कहा, आज से सब कुछ बालाजी पर छोड़ दो. आगे कहा, कि सुन लो कान खोलकर जो राम का नहीं, वो किसी काम का नहीं.
देवोत्थान एकादशी पर गुरुजी ने दिया था आशीर्वाद: कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, कि देवोत्थान एकादशी पर ही 15 साल पहले उनके गुरुजी ने उन्हें आशीर्वाद दिया था. तभी यह कह दिया था कि जगत का कल्याण करना है. गुरुजी ने हमारी बांह पकड़कर हमें बालाजी के चरणों में डाल दिया था. इसलिए तब से हम बाला जी के भक्त हो गए.