उत्तर प्रदेशलखनऊ

एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की भी मिली जिम्मेदारी, सीएम योगी के माने जाते हैं खास

लखनऊ। योगी सरकार ने जहां एक ओर कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर अपने चहेते प्रशांत कुमार को जिम्मेदारी दी है वहीं दूसरी ओर सरकार ने एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश की जिम्मेदारी बढ़ाते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर का अतिरिक्त प्रभार दिया है। अब अमिताभ यश एसटीएफ सहित एडीजी लॉ एंड ऑडर की जिम्मेदारी भी संभालेंगे।

कयासों के बीच मिली जिम्मेदारी

प्रशांत कुमार के डीजीपी कार्यवाहक बनने के बाद एडीजी लॉ एंड आर्डर के पद पर कौन बैठेगा इसको लेकर चर्चाएं गर्म थी। अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। इसी बीच सरकार ने एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश को एक और बड़ी जिम्मेदारी देते हुए एडीजी लॉ एंड आर्डर का अतिरिक्त प्रभार सौपा है।

लिस्ट में नहीं था अमिताभ का नाम

प्रशांत कुमार के डीजीपी कार्यवाहक बनने के बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के पद पर तैनाती को लेकर कई सीनियर आईपीएस अधिकारियों के नामों की चर्चा थी। लेकिन जिन अधिकारियों के नाम की चर्चा हो रही थी सरकार ने उससे इतर फैसला लेते हुए अमिताभ यश को एसटीएफ सहित एडीजी लॉ एंड आर्डर का अतिरिक्त प्रभार दिया।

एसटीएफ के साथ लंबी पारी, जो अभी भी है जारी

अमिताभ यश का यूपी एसटीएफ के साथ एक लंबा कार्यकाल रहा है उत्तर प्रदेश में कुख्यात अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने के मामले में अमिताभ यश का एक खास व अलग कद है। बड़े अपराधियों पर नकेल कसने की बात हो या फिर गैंगस्टर पर लगाम लगाने की अमिताभ यश के नेतृत्व में एसटीएफ में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

प्रशांत व अमिताभ दोनों है योगी के चहेते

सीनियर आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार के साथ-साथ एडीजी अमिताभ यश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफी करीबी माने जाते हैं। ऐसे में जब प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है और ठीक उसके बाद अमिताभ यश को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी दी गई है। इससे अंदाज़ लगाया जा सकता है कि सरकार ने अपने सबसे प्रभावशाली अधिकारियों को उत्तर प्रदेश पुलिस के महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया गया है।

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कौन हैं अमिताभ यश?

आपको बता दें कि आईपीएस अमिताभ यश मूल रूप से बिहार के भोजपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज पूरी की है. इसके अलावा वह आईआईटी कानपुर के छात्र भी रहे हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी एग्जाम दिया था. जिसके बाद वह उस परीक्षा में पास हुए और आईपीएस अधिकारी बने. आईपीएस अमिताभ 1996 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं. वह बतौर एसपी और एसएसपी संत कबीर नगर बाराबंकी महाराजगंज, हरदोई, जालौन, बुलंदशहर, सहारनपुर, नोएडा व कानपुर जैसे जिलों में सेवाएं दे चुके हैं. आईपीएस अमिताभ यश के पिता राम यश सिंह भी आईपीएस अधिकारी थे।

2021 में बनाया गया था stf का एडीजी

आईपीएस अमिताभ यश की वर्ष 2007 में एसटीएफ एसएसपी बनाया गया था. उस समय उन्‍होंने बुंदेलखंड के जंगलों में डकैत ददुआ के खिलाफ अभियान चलाया था और उसे मार गिराया था. साथ ही उनकी टीम ने डकैत ठोकिया को भी मार गिराया था. आईपीएस अमिताभ यश को चित्रकूट के जंगलों को डकैतों से मुक्त कराने का श्रेय भी दिया जाता है. साल 2017 में उन्हें एसटीएफ आईजी बनाया गया. फिर साल 2021 में एसटीएफ के एडीजी का जिम्मा दिया गया।

150 से अधिक अपराधियों को किया ढेर

रिपोर्ट्स के मुताबिक आईपीएस अमिताभ यश ने 150 से अधिक बदमाशों को ढेर किया है. उन्होंने यूपी में नशीली दवाओं की तस्करी से लेकर पेपर लीक गैंग तक पर शिकंजा कसा है. इसके अलावा कानपुर के बिकरू कांड में भी उनकी टीम ने कार्रवाई की थी. जिसमें पुलिस हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे कुख्यात विकास दुबे को मार गिराया गया था. इसके अलावा इस कांड में शामिल अन्य बदमाशों को भी पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया था. आईपीएस अमिताभ यश कई बड़े मामलों को लीड कर चुके हैं साथ ही उन्होंने कई आरोपियों को जेल तक पहुंचाने का काम किया है।

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