पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली की शिकायत लेकर पीएम से मिलने पहुंचे पूर्व आईपीएस नज़रबंद

लखनऊ। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि पुलिस ने उन्हे नजरबंद कर दिया है। आज सोमवार को पूर्व आईपीएस राजधानी में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे थे। यहां पर वह यूपी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए पीएम से शिकायत करना चाहते थे। ठाकुस पीएम से मिलते इससे पहले पुलिस ने उन्हे हिरासत में कर उनके आवास पर नजरबंद कर दिया।
सोमवार को जबरिया रिटायर नाम से मशहूर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर सिपाही भर्ती परीक्षा के संभावित पेपर लीक मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे। प्रधानमंत्री ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में शामिल होने राजधानी आए हुए हैं। ठाकुर राजधानी में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में पीएम से मिल पेपर लीक के प्रति प्रदेश सरकार के रवैए को लेकर अपनी बात कहना चाहते थे। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर मौजूद पुलिस ने उन्हे कार्यक्रम परिसर में जाने ही नहीं दिया। अमिताभ ठाकुर द्वारा जबरदस्ती करने पर पुलिस ने उन्हे हिरासत मे लेकर उनके आवास पर उन्हे नजरबंद कर दिया है।
बनाया वीडियो
प्रधान मंत्री से मिलने जाने से पहले अमिताभ ठाकुर ने एक वीडिया बना कर सोशल मीडिया पर शेयर किया। वीडियों में ठाकुर ने बताया कि उत्तर प्रदेश कॉस्टेबल भर्ती परीक्षा में धांधली को लेकर प्रदेश सरकार का रवैया गैरजिम्मेदारी भरा है। जिसके चलते वह प्रधानमंत्री से मिल कर परीक्षा में धांधली के तथ्यों से अवगत कराना चाहते हैं। जिसके लिए वह आज प्रधानमंत्री से मिलने आईजीपी में पहुंचे है। ठाकुर का यह वीडियों सामने आया है, हालांकि कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस ने ठाकुर को हिरासत में ले लिया है।
ठाकुर ने कहा पुलिस ने किया मुझे नजरबंद
ठाकर ने बाताया कि वह आईजीपी गए थे, जहां पर उन्हें प्रधानमंत्री से मिलने नहीं दिया गया। साथ ही कुछ समय बाद पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती जीप में बैठा लिया और उनके गोमती नगर आवास पर नजरबंद कर दिया।
इससे पहले सीएम से की थी शिकायत
रविवार को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर यूपी पुलिस कॉस्टेबल भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगाए था। अमिताभ ठाकुर द्वारा परीक्षा में धाधले के सूबत भी उपलब्ध कराने का दावा किया था। सीएम को पत्र लिख कर पेपर लीक की जांच करने की मांग की थी। ठाकुर का कहना था कि उनके द्वारा दिए गए तथ्यों की जांच कराई जाए और यदि तथ्य सही हैं तो इस संदर्भ में एफआईआर दर्ज परीक्षा को निरस्त किया जाए।