अमित शाह के डीप फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। अरुण रेड्डी को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है और आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस के मुताबिक अरुण रेड्डी स्पिरिट ऑफ कांग्रेस (spirit of congress) के नाम से सोशल मीडिया पर अकाउंट चला रहा था और अमित शाह के एडिडेट वीडियो को पोस्ट किया था। जानकारी के मुताबिक अरुण रेड्डी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) का सोशल मीडिया नेशनल कॉर्डिनेटर है। रेड्डी पर अपने मोबाइल से सबूत मिटाने का भी आरोप है ऐसे में उसके मोबाइल फोन को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है।
अरुण रेड्डी की गिरफ्तार दिल्ली से ही हुई है और कल शनिवार को ही उसे कोर्ट में जज के सामने पेश किया जाएगा। दिल्ली पुलिस कोर्ट में ही अमित शाह की एडिटेड वीडियो मामले में अरुण रेड्डी के रोल को लेकर खुलासा करेगी, साथ ही उसकी कस्टडी की भी मांग करेगी।
तेलंगाना के आईपी एड्रेस से पोस्ट किया था वीडियो
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के बीच दुष्प्रचार करने के मकसद से गृह मंत्री अमित शाह का एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। पुलिस की ओर से इस मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस द्वारा IFSO जांच में इस बात का बड़ा खुलासा किया गया था कि अमित शाह का एडिटेड वीडियो सबसे पहले तेलंगाना के आईपी एड्रेस से पोस्ट किया गया था।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह का आरक्षण को लेकर एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इस मामले में बीते रविवार को बड़ा एक्शन लिया गया था। फर्जी वीडियो फैलाने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर की गई थी। इस फर्जी वीडियो को लेकर ये भ्रम फैलाया जा रहा था कि अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण हटाने की बात कही। जबकि वास्तविकता में उन्होंने ऐसा नहीं कहा था।
गृह मंत्री ने क्या कहा?
पूरे मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि विपक्ष की हताशा और निराशा इस स्तर पर पहुंच गई है कि उन्होंने मेरा और कुछ भाजपा नेताओं का फेक वीडियो बनाकर सार्वजनिक किया है। उनके मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष आदि ने भी इस फेक वीडियो फॉरवर्ड करने का काम किया है। शाह ने कहा कि जब से राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली है तब से वह राजनीति के स्तर को नए निचले स्तर पर ले जाने का काम कर रहे हैं।