हरियाणा सरकार द्वारा मंदिरों के सुधार के लिए श्राइन बोर्ड बनाने के खिलाफ दायर एक अर्जी पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अर्जी पर जवाब दायर करने के लिए कुछ समय देने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने सरकार को 23 अक्टूबर तक का समय देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
इससे पहले हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में जवाब दायर कर कहा था कि हरियाणा सरकार मंदिरों के सुधार के लिए श्राइन बोर्ड बना कर इनके सुधार के लिए कदम उठा रही है।
हरियाणा सरकार ने माता वैष्णो देवी डिवेल्पमेंट माडल के तहत शक्तिपीठ के इर्द गिर्द के सभी मंदिरों के सुधार को लेकर को लेकर योजना तैयार की है।
इतना ही नहीं, सरकार ने इस दिशा में माता वैष्णो देवी श्राइन एक्ट 1988 की तर्ज पर मनसा देवी श्राइन एक्ट 1991 में सुधार किया है। हाईकोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में कालका स्थित कालका देवी के मंदिर के अंडरटेकिंग पर भी स्थिति स्पष्ट की गई है।
पेश हलफनामे में कहा गया है कि याची पक्ष इस मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर नहीं है। यहां हजारों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।
हलफनामे में कहा गया है कि इस मंदिर की हर साल की इनकम 50 लाख के करीब है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार का कोई भी
अकाउंट नहीं खोला गया है।
कालका निवासी राममूर्ति एवं अन्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर हरियाणा सरकार की 8 अगस्त 2010 और 22 अगस्त 2010 की अधिसूचना को रद्द करने का आग्रह किया गया है।
जिसके तहत श्राइन बोर्ड अधिसूचना के तहत माता काली देवी मंदिर और उसके प्रबंधन के बंदोबस्तों को हरियाणा सरकार ने अंडरटेक किया है।