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मुश्किल में अफजाल अंसारी; हाईकोर्ट में जिरह- गैंगस्टर एक्ट के तहत सजा सही, संगठित गिरोह के सदस्य हैं

प्रयागराज: गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर में मिली सज़ा सही है, क्योंकि वह संगठित गिरोह के सदस्य हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को सांसद अफजाल अंसारी मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट के सामने कुछ इसी तरह की दलील पेश की. न्यायमूर्ति संजय कुमार मामले की सुनवाई कर रहे हैं. कोर्ट ने सुनवाई लिए अगली तिथि 27 मई निर्धारित की है.

पीड़ित पक्ष कृष्णानंद राय के पुत्र पियूष राय के अधिवक्ता सुदिष्ट कुमार सिंह ने कहा कि अफजाल अंसारी के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं. उनका लंबा आपराधिक इतिहास है. साथ ही गवाहों को डराने-धमकाने का भी आरोप है. गैंगस्टर की कार्रवाई के विरोध में हाईकोर्ट उनकी याचिका पहले ही ख़ारिज कर चुका है. उन्होंने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत वाद दायर किया गया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट के आदेश को आगे चुनौती नहीं दी गई, इसलिए कोर्ट के आदेश इन पर लागू हैं.

2005 में वारदात हुई थी. इस वारदात के बाद पूरे क्षेत्र में भय का वातावरण व्याप्त हो गया था. गैंग के सदस्यों के भय से कोई भी थाने में मुकदमा या न्यायालय में साक्ष्य देने का साहस नहीं कर पाता था. आरोपी की ओर से बनाए गए गैंग का उद्देश्य राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक लाभ कमाना था. साथ ही गिरोह के अन्य सदस्य मुख्तार अंसारी का आपराधिक इतिहास भी कोर्ट के सामने रखा गया.

अफजाल अंसारी को गैंगस्टर कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है. सजा के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. अफजाल के वकीलों की बहस पूरी हो चुकी है. सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव, अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय, अफजाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, उपेंद्र उपाध्याय मौजूद रहे.

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