आम आदमी पार्टी की स्थानीय इकाई ने कहा है कि अगर बिजली विभाग भाजपा प्रशासन के माध्यम से जबरन बिजली की दरें बढ़ाता है, तो आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतरकर इसका कड़ा विरोध करेगी और प्रशासन को बिजली की दरें वापस लेने पर मजबूर होना पड़ेगा।
यूटी चंडीगढ़ प्रशासन के बिजली विभाग द्वारा बिजली की दरों में 19.44 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव संयुक्त विद्युत विनियामक आयोग (जेईआरसी) को भेजे जाने के बाद आज जेईआरसी द्वारा चंडीगढ़ के लोगों की राय जानने के लिए सेक्टर 10 स्थित गवर्नमेंट म्यूजियम एवं आर्ट गैलरी में एक बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक के दौरान पूर्व भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद द्वारा गलत टिप्पणी की गई, जिससे पूरी बैठक का माहौल खराब हो गया और जेईआरसी के अधिकारियों को बैठक बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा।
यह बातें पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड के चेयरमैन एवं आप चंडीगढ़ के सह प्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया ने कही। डॉ. एसएस आहलूवालिया ने बैठक का माहौल खराब करने के लिए अरुण सूद की कड़ी निंदा की।
उन्होंने कहा कि भाजपा प्रशासन के माध्यम से चंडीगढ़ की जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है। भाजपा ने पहले पानी के दाम बढ़ाए और अब बिजली के दाम बढ़ाए जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आज जब जेईआरसी बिजली दरों में वृद्धि को लेकर शहरवासियों के साथ बैठक कर रही थी, तो पहले से रची गई साजिश के अनुसार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद 15-20 लोगों के साथ वहां पहुंच गए।
जब अधिकारी लोगों की राय ले रहे थे तो अरुण सूद ने गलत टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं, जिसका वहां मौजूद शहरवासियों ने विरोध किया। जिससे पूरी बैठक का माहौल खराब हो गया और अधिकारियों को बैठक बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि भाजपा एक योजना के तहत बिजली दरों में वृद्धि करके शहरवासियों पर अतिरिक्त बोझ डालने जा रही है। डॉ. आहलूवालिया ने आगे कहा कि आज उन्होंने जेईआरसी अधिकारियों से अपील की है कि चंडीगढ़ की जनता की भलाई के लिए बिजली की दरें न बढ़ाई जाएं। क्योंकि देश में बढ़ती महंगाई ने पहले ही लोगों को बर्बाद कर दिया है।
अगर बिजली की दरों में बढ़ोतरी होती है तो शहरवासियों के लिए घर चलाना बहुत मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ की जनता पर अतिरिक्त बोझ डालकर भाजपा लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला ले रही है।