सीएम के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी को हिमाचल पुलिस ने फिर किया तलब, पहले पूछताछ में हो चुके हैं शामिल
हरियाणा सीएम के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी को हिमाचल की शिमला पुलिस ने एक बार फिर से पूछताछ के लिए नोटिस भेजकर 30 जुलाई को तलब किया है।
हिमाचल की शिमला पुलिस की ओर से वेस्ट पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 40/24 दिनांक 10 मार्च 2024 में धारा 171सी, 171ई, 120बी, आईपीसी तथा परिवेंशन ऑफ क्रप्शन एक्ट के तहत नोटिस जारी किया है।
बता दें कि तरुण भंडारी इससे पहले भी हिमाचल पुलिस की जांच में शामिल हो चुके हैं। इस बार तरुण भंडारी को उनका एप्पल आईफोन, पीआरओ मैक्स, आईएमईआई नंबर-351942136185608 तथा अन्य तथ्य लाने और बताने को कहा है।
बता दें कि हिमाचल हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद वह बीते दिनों शिमला में पुलिस जांच में शामिल हुए थे। हाईकोर्ट के आदेश पर भंडारी शिमला में डीएसपी सिटी कार्यालय में पुलिस जांच में शामिल हुए थे।
इस दौरान हिमाचल पुलिस की ओर से गठित एक एसआईटी, जिसमें एक एडिशनल एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों ने उनसे करीब 4 दर्जन सवालों के जवाब मांगे थे।
चर्चा थी की उस समय भी हिमाचल पुलिस तरुण भंडारी का मोबाइल भी जांच में लेना चाहती थी, लेकिन उस समय ऐसा नहीं हो सका। अब शिमला पुलिस की ओर से जारी नोटिस में उनसे मोबाइल और अन्य तथ्य लेकर आने को कहा गया है।
बताया जा रहा है कि हिमाचल पुलिस ने भंडारी की पूरी क़ॉल डिटेल ले रखी थी, जिसके हिसाब से उनसे पूछताछ की गई। हिमाचल पुलिस ने करीब 6 घंटे तक भंडारी से पूछताछ की थी।
पुलिस की ओर से तरुण भंडारी से कई सवाल किए गए थे, जिनमें हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों को चंडीगढ़ के होटलों में क्यों रखा, इसे लेकर भी पुलिस ने उनसे सवाल जवाब किए थे।
चर्चा है कि ब्राइव को लेकर भी उनसे सवाल जवाब किए गए थे। बता दें कि शिमला पुलिस ने तरुण भंडारी को नोटिस भेजकर 18 जून को पुलिस जांच में शामिल होने को कहा था। इससे पहले भी हिमाचल पुलिस भंडारी को नोटिस भेजकर पुलिस जांच में शामिल होने को कह चुकी थी।
पूछताछ के दौरान हिमाचल पुलिस की ओर से संभावित गिरफ्तारी के चलते तरुण भंडारी ने हिमाचल हाईकोर्ट का रुख किया था। इस पर हिमाचल हाईकोर्ट ने भंडारी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उन्हें 18 जून को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा था।
पहले भी दिए जा चुके थे नोटिस
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी को 14 जून को नोटिस जारी करते हुए 19 जून को शिमला के डीएसपी सिटी के कार्यालय में पेश होने को कहा था।
इससे पहले भी हिमाचल पुलिस की ओर से जारी नोटिस में तरुण भंडारी को 7 जून की सुबह 11 बजे शिमला के डीएसपी सिटी के कार्यालय में पेश होने को कहा गया था।
बताया जा रहा है कि पहले नोटिस में शिमला पुलिस ने तरुण भंडारी को 28 मई को डीएसपी सिटी के कार्यालय में पेश होने को कहा था, लेकिन भंडारी उस समय हिमाचल पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुए थे।
ऐसे सुर्खियों में आए भंडारी
हिमाचल पुलिस की ओर से 10 मार्च 2024 को धारा 171सी, 171ई, 120बी, 7 व 8 प्रिवेशन ऑफ क्रप्शन एक्ट के तहत पुलिस स्टेशन वेस्ट जिला शिमला में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद शिमला पुलिस की ओर से तरुण भंडारी को नोटिस जारी कर पेश होने को कहा गया था।
बताया जा रहा है कि पहले नोटिस में शिमला पुलिस ने तरुण भंडारी को 28 मई को डीएसपी सिटी के कार्यालय में पेश होने को कहा था। तरुण भंडारी की ओर से उस समय पेश नहीं होने पर शिमला पुलिस ने एक और नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें 7 जून की सुबह 11 बजे शिमला के डीएसपी सिटी के कार्यालय में पेश होने को कहा गया था।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बागी हुए कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायक लंबे समय तक चंडीगढ़ और आसपास के इलाके में रहे थे। उसी प्रकरण के दौरान हरियाणा सीएम के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी की उनसे निकटता सामने आई थी, जिसके चलते वह चर्चा में आए थे। उस समय तरुण भंडारी ने ही हिमाचल के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को विजय बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
इन विधायकों ने किया था खेल
हिमाचल की एकमात्र राज्यसभा सीट के चुनाव में उस समय कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्रदत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टों ने बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था।
इसी प्रकार से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, होशियार शिंह और केएल ठाकुर ने भी बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कांग्रेस पार्टी के विधायकों को पार्टी लाइन और व्हीप से अलग होकर चलने के आरोप में अयोग्य ठहरा दिया था। इसके बाद इन सभी विधायकों ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।
हरियाणा में दिखा चुके हैं जलवा
तरुण भंडारी हिमाचल ही नहीं बल्कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में भी अपना जलवा दिखा चुके हैं। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर और नवीन जिंदल जैसे बड़े और दिग्गज नेताओं को भंडारी ने बीजेपी में शामिल करवाकर पार्टी में अपनी विश्वसनीयतता और कद को मजबूत किया।
वहीं, कांग्रेस को भी झटका देने का काम किया। इसी प्रकार हिमाचल के राज्यसभा चुनाव में भी तरुण भंडारी ने हर्ष महाजन को जिताने में एक अहम भूमिका निभाई। हरियाणा कांग्रेस के कई दर्जन से अधिक बड़े चेहरों को पर्दे के पीछे रहते हुए भंडारी बीजेपी में शामिल करवा चुके हैं।
अब विधानसभा चुनाव से पहले वह हरियाणा कांग्रेस की पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी को बीजेपी में ज्वाइन करवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। बता दें कि बीजेपी में आने से पहले तरुण भंडारी हरियाणा कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे हैं।
अशोक तंवर जब कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे, उस समय भंडारी उनके खास के रूप में जाने जाते थे। 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तरुण भंडारी कांग्रेस को अलविदा कहकर बीजेपी में शामिल हो गए थे।