उत्तर प्रदेशलखनऊ

ओबरा की तीन इकाइयां ठप, बिजली संकट गहराया

लखनऊ। ओबरा बिजलीघर की तीन इकाइयां शनिवार को ठप हो गईं, जबकि पहले से बंद चल रहीं इकाइयां चालू नहीं हो सकी हैं। इससे प्रदेश में बिजली संकट गहरा गया। इसी बीच, स्थानीय खराबी के कारण प्रदेश के ज्यादातर इलाके बिजली संकट झेलते रहे।

उत्तर प्रदेश पाॅवर कॉरपोरेशन के सूत्रों के अनुसार, दोपहर बाद ओबरा की दो-दो मेगावाट की दो इकाइयां व 660 मेगावाट की एक इकाई ठप हो गई, जबकि हरदुआगंज की 105 मेगावाट की इकाई में भी उत्पादन ठप हो गया। पहले से बंद चल रही मेजा की 660 मेगावाट, रिहंद की 500 मेगावाट व सिंगरौली की 200 मेगावाट क्षमता की इकाई चालू नहीं हो पाई। बिजली अभियंता मेजा, रिहंद, हरदुआगंज व ओबरा की एक इकाई के देर रात तक चालू कर लिए जाने की उम्मीद जताते रहे, जबकि सिंगरौली इकाई के 1 जुलाई व ओबरा की बाकी दो इकाइयों के रविवार तक चालू होने की संभावना जताई गई।

सूत्रों ने बताया कि इन इकाइयों के बंद होने से प्रदेश में कुल 2150 मेगावाट बिजली उत्पादन घट गया। मांग को पूरा करने के लिए एनर्जी एक्सचेंज व अन्य स्रोतों से बिजली आयात कर स्थिति काबू में की गई। प्रदेश में अधिकतम मांग 26,627 मेगावाट दर्ज की गई। सूत्रों ने बताया कि बारिश के कारण प्रदेश में बिजली की मांग घट गई है, जबकि लाइनों में खराबी के कारण प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। बिजली आपूर्ति चालू होने में काफी समय लग रहा है। उमस के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बिजली कर्मी सतर्क रहकर जिम्मेदारियों का निर्वहन करें : ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बिजली कर्मियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे सतर्क रहकर जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। बारिश में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए समुचित उपाय किए जाए। उन्होंने कहा कि मानसून में अंधेरा रहने से नागरिकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में सभी कार्मिक उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित संज्ञान लेकर समस्याओं का समाधान करें। सभी कार्मिक अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करें कि वे बारिश में बिजली उपकरणों को छूने से बचें और उनसे उचित दूरी बनाकर रहें। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली तारों को छूने वाली पेड़ की टहनियों की छंटनी की जाए, जिससे बिजली स्पार्किंग को रोका जा सके और निर्बाध बिजली आपूर्ति में व्यवधान न हो सके।

ऊर्जा निगमों में अब 65 वर्ष तक रह सकेंगे निदेशक

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन समेत ऊर्जा निगमों में निदेशक अब 65 वर्ष तक रह सकेंगे। राज्य सरकार ने उनकी सेवानिवृत्ति आयु तीन वर्ष बढ़ा दी है। साथ ही निदेशक पद पर चयन प्रक्रिया में आयु सीमा की छूट दी गई है। प्रदेश सरकार की ओर से इस सिलसिले में आदेश जारी किया गया है।

पहले निदेशक पद पर तैनात बिजली अभियंता 62 वर्ष में सेवानिवृत्त हो रहे थे। आयु सीमा में तीन वर्ष की बढ़ोतरी कर दी गई है। आदेश के अनुसार, निदेशक पद पर चयन के लिए अब न्यूनतम 50 वर्ष और अधिकतम 62 वर्ष तक सेवानिवृत मुख्य अभियंता, कार्यरत मुख्य अभियंता या प्रोन्नति के लिए चयनित अधीक्षण अभियंता आवेदन कर सकेंगे।

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