देश में लाखों लोगों के लिए सस्ती दवाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बाजार में विभिन्न ब्रांड नामों से उपलब्ध दवाओं के एक ही साल्ट की कीमतों में असमानता के बारे में मुद्दा उठाया।
स्वास्थ्य मंत्री होटल पार्कव्यू में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए), पंजाब सरकार के सहयोग से आयोजित “उत्तरी राज्यों के औषधि विनियामकों की क्षमता निर्माण” विषय पर तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर संयुक्त औषधि नियंत्रक (भारत) डॉ. एस ईश्वर रेड्डी, सचिव स्वास्थ्य-सह-आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन पंजाब डॉ. अभिनव त्रिखा और संयुक्त आयुक्त (औषधि) एफडीए पंजाब संजीव कुमार भी मौजूद थे।
सभी दवाओं की कीमतों में समानता लाने की जरूरत पर जोर देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि इन मुद्दों पर केंद्र सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बाजार में उपलब्ध दवाओं की गुणवत्ता के बारे में भी चिंता जताई और संयुक्त औषधि नियंत्रक (भारत) से इस मुद्दे से निपटने के लिए कोई ठोस नीति बनाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय दवा उद्योग ने दुनिया भर में उच्च गुणवत्ता वाली, सस्ती और सुलभ दवाइयों को सुनिश्चित करके वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत को गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक किफायती चिकित्सा उत्पादों के लिए दुनिया की फार्मेसी के रूप में जाना जाता है।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि भारत मात्रा के मामले में जेनेरिक दवाओं का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और मूल्य के मामले में 10वां सबसे बड़ा उत्पादक है। दुनिया में मरीजों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली लगभग हर पांचवीं गोली भारत में निर्मित होती है।
पंजाब के एफडीए आयुक्त डॉ. अभिनव त्रिखा ने ऑनलाइन लाइसेंसिंग, दवाओं की गुणवत्ता और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम/नियमों के प्रावधानों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए नियामक प्रवर्तन सहित भारत सरकार के साथ राज्यों के विभिन्न आम मुद्दों को हल करने के लिए एक समर्पित मंच विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने प्रवर्तन अधिकारियों के कौशल और व्यक्तित्व विकास के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के महत्व पर भी जोर दिया और सीडीएससीओ से नियमित आधार पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया।
इस बीच, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के 75 औषधि नियंत्रण अधिकारियों के लिए औषधि विनियामकों की क्षमता निर्माण के लिए तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण के दौरान, जेडीसी, सीडीएससीओ, नई दिल्ली डॉ एसई रेड्डी, पूर्व औषधि नियंत्रक ओडिशा ऋषिकेश महापात्रा, एसोसिएट डायरेक्टर-क्वालिटी ऑपरेशन हेड, मेसर्स सिप्ला लिमिटेड सौरव घोष, डीजीएम – साइट क्वालिटी एश्योरेंस, मेसर्स सन फार्मा ऋषि कंसारा और एनपीपीए के अन्य अधिकारी प्रतिभागियों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेंगे।