उत्तराखंड का पहला सिग्नेचर पुल बनने से पहले दूसरी बार टूटा
उत्तराखंड का पहला सिग्नेचर पुल बनने से पहले दूसरी बार टूट चुका है। हालांकि, इस बार हादसे के समय पुल के आस-पास कोई नहीं था और किसी के घायल होने की खबर नहीं है। इससे पहले जुलाई 2022 में इस पुल की शटरिंग गिरने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी। रुद्रप्रयाग जिले के बद्रीनाथ हाईवे के नरकोटा में बन रहे सिग्नेचर पुल का निर्माण कार्य आरसीसी कम्पनी कर रही है। यह पुल 76 करोड़ रुपये से अधिक लागत से बनाया जा रहा है। इसमें रोजाना 40 से ज्यादा मजदूर काम करते हैं।
ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग पर नरकोटा में 110 मीटर स्पान का सिग्नेचर पुल का ऊपरी फ्रेम तैयार किया जा रहा था। गुरुवार को शाम 5 बजे पुल का रुद्रप्रयाग की तरफ वाला टॉवर ढह गया, जिससे फ्रेम भी ध्वस्त हो गया। माना जा रहा है कि अधिक वजन होने के कारण टॉवर गिर गया और फ्रेम भी ध्वस्त हो गया। लोगों ने पुल का निर्माण कर रही कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
चारधाम यात्रा के लिहाज से अहम है ब्रिज
यह ब्रिज चारधाम यात्रा के लिहाज से अहम है। इस ब्रिज की लंबाई 110 मीटर और ऊंचाई 40 मीटर प्रस्तावित है। हालांकि, ब्रिज का जो हिस्सा गिरा है। उसका अलाइनमेंट कुछ समय पहले ही बदला गया था। जिस जगह पर यह ब्रिज बन रहा है, उसे लेकर पहले ही चिंता जाहिर की गई थी। गांव के लोगों का कहना था कि जहां ब्रिज बन रहा है। वहां की मिट्टी कभी भी धंस सकती है। अधिकारियों के सामने इस बात को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। इस पुल के बन जाने से काफी समय की बचत होगी, लेकिन इसका निर्माण पूरा होने में काफी परेशानी आ रही है।