भुवनेश्वर। पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और प्रख्यात जैविक किसान कमला पुजारी का शनिवार को किडनी से संबंधी बीमारी से निधन हो गया। सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के सूत्रों ने यह जानकारी दी। वह 74 वर्ष की थीं और उनके दो बेटे तथा दो बेटियां हैं।
पुजारी को किडनी से संबंधित बीमारी को लेकर दो दिन पहले कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था तथा उनका उपचार चार सदस्यीय चिकित्सकीय टीम कर रही थी। उन्होंने शनिवार की सुबह दम तोड़ दिया। इससे पहले उन्हें तबियत बिगड़ने पर जेपुर जिला मुख्यालय अस्पताल से कटक लाया गया था।
मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किए जाने की घोषणा की। मांझी ने फोन पर पुजारी के पुत्र टंकाधर पुजारी से भी बात की। ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक बयान में कहा, ‘‘कृषि के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।’’
कोरापुट जिले के बैपारीगुडा ब्लॉक के पतरापुट गांव में जन्मी पुजारी जैविक खेती की समर्थक थीं और उन्होंने चावल की 100 किस्मों की खेती की थी। वह एम. एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन से जुड़ी थीं। उन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वह 2018 में राज्य योजना बोर्ड की सदस्य थीं और 2004 में ओडिशा सरकार ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार से सम्मानित किया था। उन्होंने 2002 में दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ‘इक्वेटर इनीशिएटिव अवार्ड’ भी जीता था।