
पूर्व विधायक विनय तिवारी को बैंक धोखाधड़ी के एक गंभीर मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ के लिए बुलाया। सूत्रों के अनुसार, यह पूछताछ कई घंटों तक चली, जिसमें उनसे उनकी संपत्तियों और वित्तीय लेनदेन को लेकर सवाल किए गए। हालांकि, संपत्तियों से जुड़े सवालों पर विनय तिवारी ने कोई जवाब नहीं दिया और चुप्पी साधे रहे। यह मामला अब और गंभीर होता नजर आ रहा है, क्योंकि ईडी की जांच का दायरा लगातार बढ़ रहा है।
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पूछताछ के दौरान ईडी अधिकारियों ने विनय तिवारी से उन कंपनियों और व्यक्तियों के बारे में भी सवाल किए, जिनके साथ उनका वित्तीय लेन-देन रहा है। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी को कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनमें बड़ी मात्रा में पैसों के ट्रांजैक्शन की जानकारी है। ईडी इन ट्रांजैक्शनों के स्रोत और उपयोग को लेकर स्पष्टता चाहती है।
मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि तिवारी की कई अघोषित संपत्तियों का भी खुलासा हुआ है, जिनकी जांच अब तेज़ कर दी गई है। इन संपत्तियों की वैधता और उनके फंडिंग स्रोतों की छानबीन की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में उनसे दोबारा पूछताछ की जा सकती है।
इस पूरे मामले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। विपक्ष ने इसे भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण बताया है और सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं तिवारी समर्थकों का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित हो सकती है।
ईडी ने फिलहाल मामले से जुड़ी सभी संपत्तियों और खातों की डिटेल्स तलब की हैं। बैंक रिकॉर्ड्स, जमीन रजिस्ट्रेशन दस्तावेज़, और आयकर रिटर्न की गहन जांच जारी है। माना जा रहा है कि इस पूछताछ के आधार पर एजेंसी जल्द ही कुछ बड़ी कार्रवाइयाँ कर सकती है।