
उत्तर प्रदेश के एक ज़िले से आई चौंकाने वाली घटना ने प्रशासनिक प्रणाली और सामाजिक संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक महिला जब सरकारी कार्यालय में अपने काम से पहुँची, तो वहां मौजूद लेखपाल ने उसके दुपट्टे को ‘हिजाब’ समझकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। महिला ने इसका विरोध किया और देखते ही देखते यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
घटना की खबर मिलते ही क्षेत्रीय प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम ने तुरंत इस मामले पर संज्ञान लेते हुए संबंधित लेखपाल से जवाब-तलब किया है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और प्राथमिक तौर पर लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है।
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महिला का कहना है कि वह सिर्फ अपने पारंपरिक कपड़ों में गई थी, और लेखपाल की बातों से वह अपमानित महसूस कर रही है। स्थानीय लोगों और महिला संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
एसडीएम ने बयान जारी कर कहा है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को धार्मिक या सामाजिक भेदभाव का अधिकार नहीं है। प्रशासन सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार की नीति पर काम करता है, और ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाए जाएंगे।