
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनावपूर्ण माहौल के बीच ईरान के विदेश मंत्री की दक्षिण एशिया यात्रा को कूटनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह पहले इस्लामाबाद जाएंगे और इसके बाद दिल्ली में भारतीय नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।
यह दौरा उस समय हो रहा है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत में गहरी चिंता पैदा कर दी है। भारत ने हमले के लिए सीमा पार से संचालित आतंकी नेटवर्क को जिम्मेदार ठहराया है। ऐसे में ईरानी विदेश मंत्री की यह यात्रा सामरिक और कूटनीतिक संतुलन साधने की कोशिश के तौर पर देखी जा रही है।
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सूत्रों के अनुसार, ईरानी मंत्री की यात्रा का उद्देश्य क्षेत्रीय शांति और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है, साथ ही ईरान-भारत ऊर्जा सहयोग, चाबहार परियोजना और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर भी चर्चा संभावित है। पाकिस्तान के साथ उनके क्या बयान आते हैं, इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय की नजर टिकी है।
कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ईरान की बैलेंसिंग भूमिका को दर्शाती है। आने वाले दिनों में इस दौरे के प्रभाव को लेकर वैश्विक स्तर पर प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।