
देश में साइबर क्राइम के मामले दिन-प्रतिदिन खतरनाक रूप ले रहे हैं। ताज़ा मामला सामने आया है एक रिटायर्ड रजिस्ट्रार के साथ, जिन्हें साइबर ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ का झांसा देकर ₹49.4 लाख रुपये की ठगी का शिकार बना दिया।
ठगों ने खुद को केंद्रीय जांच एजेंसियों (जैसे CBI या NCB) का अधिकारी बताया और कहा कि उनका नाम एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में जुड़ा हुआ है। पीड़ित को धमकी दी गई कि अगर उन्होंने “सहयोग” नहीं किया तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। भय और मानसिक दबाव में आकर रिटायर्ड अफसर ने बताए गए बैंक खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी।
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इस पूरे फ्रॉड को वीडियो कॉल के ज़रिए अंजाम दिया गया, जिसे अपराधी “डिजिटल अरेस्ट” का नाम देते हैं — यानी पीड़ित को कैमरे के सामने बैठाकर मानसिक रूप से नियंत्रण में रखना, ताकि वो किसी से संपर्क न करे और घबराहट में पैसे ट्रांसफर कर दे।
⚠️ सावधान रहें:
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कोई भी एजेंसी कभी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी नहीं करती।
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बैंक डिटेल्स, OTP या पर्सनल जानकारी किसी से शेयर न करें।
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ऐसी कॉल आने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।