
भारत ने अफगानिस्तान को लेकर अपने रुख में बड़ा परिवर्तन करते हुए पहली बार तालिबान सरकार के साथ औपचारिक बातचीत की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से सीधी चर्चा की, जिसे कूटनीतिक जगत में एक बड़ा और साहसिक कदम माना जा रहा है।
यह बातचीत अफगानिस्तान में मानवीय संकट, आतंकवाद के खतरे और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे अहम मुद्दों पर केंद्रित रही। भारत ने इस वार्ता के जरिए स्पष्ट संकेत दिया है कि वह जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं करेगा और अपनी कूटनीति को व्यावहारिक आधार पर आगे बढ़ाएगा।
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यह निर्णय न केवल अफगानिस्तान में भारत के रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि इससे चीन और पाकिस्तान की बढ़ती पकड़ पर भी नियंत्रण पाने की कोशिश मानी जा रही है।