
गोरखपुर चिड़ियाघर (Gorakhpur Zoo) में बर्ड फ्लू (Bird Flu) के संभावित खतरे के बीच स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। जांच के लिए एक टीम को दो हिस्सों में बांटा गया है, जो चिड़ियाघर के अंदर और बाहर से नमूने एकत्र कर रही है। अब तक 50 नमूने एकत्र किए जा चुके हैं, जिन्हें पशु चिकित्सा विभाग में भेजा जाएगा।
टीम ने चिड़ियाघर के अंदर पक्षियों के फड़, बाड़ों और अन्य संभावित स्थानों से नमूने लिए, जबकि बाहरी इलाके में स्थित पक्षियों से भी नमूने एकत्र किए गए हैं। जांच के दौरान विशेष रूप से H5N1 वायरस की उपस्थिति पर ध्यान दिया जा रहा है, जो बर्ड फ्लू का कारण बनता है।
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गोरखपुर में बर्ड फ्लू के संदिग्ध मामलों के बढ़ने के बाद यह कदम उठाया गया है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस जांच के परिणाम जल्द ही सामने आएंगे, और अगर कोई पक्षी संक्रमित पाया जाता है तो उसे तुरंत इलाज दिया जाएगा और सभी सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे पक्षी बाजार में खरीदारी करते समय सावधानी बरतें और अगर किसी पक्षी में असामान्य लक्षण दिखें तो उसे तुरंत रिपोर्ट करें। इसके अलावा, बर्ड फ्लू से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
गोरखपुर चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की जांच को लेकर उठाए गए कदमों को देख कर लगता है कि प्रशासन गंभीरता से इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए तैयार है। इस दौरान चिड़ियाघर की सुरक्षा और पक्षियों का स्वास्थ्य सर्वोपरि रहेगा।