
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को घेरते हुए दावा किया है कि 1991 में पाकिस्तान के साथ कांग्रेस के कुछ नेताओं ने ‘गुप्त समझौता’ किया था। उन्होंने इस समझौते की जांच की मांग करते हुए कांग्रेस पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया और FIR दर्ज करने की बात कही। यह मुद्दा लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले गरमाता दिख रहा है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया:
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा सांसद के आरोपों को “बेतुका और हास्यास्पद” बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगा रही है। श्रीनेत ने कहा कि अगर भाजपा के पास कोई सबूत है, तो उसे सार्वजनिक किया जाए और कोर्ट में पेश किया जाए।
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राजनीतिक पृष्ठभूमि:
1991 का समय भारत के लिए राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता का दौर था। ऐसे में अब उस काल की घटनाओं को चुनावी हथियार बनाना विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच एक नई बहस को जन्म दे रहा है। यह आरोप-पलटवार ऐसे समय में हो रहे हैं जब देश में आम चुनाव अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
जनता की प्रतिक्रिया:
सोशल मीडिया पर इस बहस ने भी जोर पकड़ लिया है। भाजपा समर्थक निशिकांत दुबे की मांग को जायज ठहरा रहे हैं, जबकि कांग्रेस समर्थक इसे चुनावी स्टंट बता रहे हैं। इससे साफ है कि यह मुद्दा चुनावी विमर्श का नया केंद्र बन सकता है।