
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिनियम 1995 की वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में दावा किया गया है कि यह अधिनियम संविधान के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के खिलाफ है और एक विशेष समुदाय को अनुचित लाभ देता है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस कानून को असंवैधानिक घोषित किया जाए।
याचिका में वक्फ बोर्डों को दी गई विशेष शक्तियों और अधिकारों पर भी सवाल उठाया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और अधिकारों को लेकर यह कानून अन्य धार्मिक समुदायों के साथ भेदभाव करता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
Also read this: राहुल पर निशाना, कांग्रेस पर FIR की मांग
इस नोटिस के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस तेज हो गई है। कुछ वर्ग इसे अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला बता रहे हैं, जबकि अन्य इसे न्यायिक समीक्षा की दिशा में एक जरूरी कदम मानते हैं। आने वाले दिनों में यह मामला देशभर में संवैधानिक और धार्मिक बहस का केंद्र बन सकता है।