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बेटियों की गरिमा की रखवाली करेगा योगी सरकार का ‘स्वच्छ गरिमा’ अभियान

  •  केजीबीवी की छात्राओं को मिलेगा माहवारी स्वच्छता पर वैज्ञानिक प्रशिक्षण
  • ‘संकोच नहीं संवाद’ के संदेश के साथ संवेदनशील समाज की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश
  • केजीबीवी में पढ़ने वाली किशोरियों को माहवारी स्वच्छता, पोषण और संवाद के अधिकार जैसे विषयों पर मिलेगा वैज्ञानिक और सहज प्रशिक्षण
  • बेसिक शिक्षा विभाग के ‘स्वच्छ गरिमा’ अभियान के तहत 746 केजीबीवी में चरणबद्ध ढंग से होगा शुरू
  • बेटियों के सपनों को उड़ान और गरिमा देना सरकार की प्राथमिकता: संदीप सिंह

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बालिकाओं के स्वास्थ्य, आत्मसम्मान और गरिमामय जीवन के अधिकार को लेकर एक नई पहल पर काम कर रही है। प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में पढ़ने वाली किशोरियों को अब माहवारी स्वच्छता, पोषण और संवाद के अधिकार जैसे विषयों पर वैज्ञानिक और सहज प्रशिक्षण दिया जाएगा।

बेसिक शिक्षा विभाग के ‘स्वच्छ गरिमा’ अभियान के तहत यह प्रशिक्षण 746 केजीबीवी में चरणबद्ध ढंग से शुरू किया गया है। इस पहल का मकसद किशोरियों को उनकी जैविक प्रक्रियाओं को लेकर संकोचमुक्त बनाना और उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीने का आत्मबल देना है।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि योगी सरकार बेटियों के भविष्य, सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य न केवल उनके सपनों को उड़ान देना है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी भ्रांतियों और सामाजिक संकोचों को भी दूर करना है। संवाद और संवेदना के इस संगम से प्रदेश की बेटियां न सिर्फ स्वस्थ रहेंगी, बल्कि आत्मगौरव और गरिमा के साथ अपने सपनों की ओर बढ़ सकेंगी।

संकोच नहीं, संवाद जरूरी’, सामाजिक सोच बदलने की है पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को साकार करने की ओर बढ़ाया गया यह कदम समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रयास है। वे अक्सर कहते रहते हैं किमहिला सशक्तिकरण केवल कानूनों से नहीं, बल्कि सामाजिक सोच और व्यवहार में बदलाव से संभव है। यही वजह है कि सरकार अब संवेदनशील मुद्दों को शिक्षा का हिस्सा बनाकर जीवन कौशल आधारित शिक्षा को नई दिशा दे रही है। इस अभियान के तहत छात्राओं को चित्रों, संवादों और गतिविधियों के जरिए सिखाया जायेगा कि माहवारी कोई शर्म या संकोच की बात नहीं, बल्कि शरीर की सामान्य प्रक्रिया है, जिसे समझना और स्वच्छ रहना जरूरी है।

मिला यूनिसेफ का सहयोग, शिक्षकों की होगी अहम भूमिका

इस प्रशिक्षण के लिए यूनिसेफ के सहयोग से एक विशेष मॉड्यूल तैयार किया गया है, जो छात्राओं को सरल भाषा और दृश्य सामग्री के माध्यम से शिक्षित करता है। इसमें केवल छात्राएं ही नहीं, शिक्षिकाएं और आगे चलकर अभिभावक भी सहभागी होंगे। शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वे बिना झिझक इन विषयों पर छात्राओं से संवाद करें।

‘स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मबल’ तीनों पर एक साथ काम

‘स्वच्छ गरिमा’ अभियान योगी सरकार की उस व्यापक नीति का हिस्सा है, जिसमें बेटियों को सिर्फ शिक्षा ही नहीं, व्यवहारिक जीवन कौशल और नैतिक मजबूती भी दी जाएगी। यह ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ’ का एक सशक्त विस्तार है, जो बालिकाओं को स्वस्थ, जागरूक और आत्मविश्वासी बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है।

‘स्वच्छ गरिमा’ की मुख्य बातें

– प्रदेश के 746 केजीबीवी में प्रशिक्षण
– यूनिसेफ के सहयोग से तैयार वैज्ञानिक व सहज मॉड्यूल
– शिक्षिकाओं और आगे चलकर अभिभावकों की भागीदारी
– किशोरियों को संकोचमुक्त संवाद, पोषण व स्वच्छता पर जागरूकता

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