
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने आखिरकार 18 साल से चले आ रहे आईपीएल ट्रॉफी के सूखे को खत्म कर ही लिया। इंडियन प्रीमियर लीग के 18वें सीजन में रजत पाटीदार की कप्तानी में खेल रही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम का फाइनल मुकाबले में सामना पंजाब किंग्स की टीम से था, जिसमें उन्होंने इस मुकाबले को 6 रनों से अपने नाम करने के साथ खिताब जीतने में सफलता हासिल की। इस मैच में आरसीबी की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर्स में 9 विकेट के नुकसान पर 190 रनों का स्कोर बनाया था, जिसके बाद पंजाब किंग्स की टीम 20 ओवर्स में 184 रनों के स्कोर तक ही पहुंचने में कामयाब हो सकी और उसका पहली बार ट्रॉफी जीतने का सपना पूरा नहीं हो सका।
क्रुणाल पांड्या के चार ओवर्स पड़े पंजाब किंग्स पर भारी
पंजाब किंग्स की टीम जब फाइनल मुकाबले में 191 रनों के टारगेट का पीछा करने उतरी तो उनकी ओपनिंग जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 43 रनों की साझेदारी की जिसके बाद उन्हें पहला झटका 43 के स्कोर पर प्रियांश आर्या के रूप में लगा जो 24 रन बनाकर आउट हुए। वहीं इसके बाद प्रभसिमरन सिंह और जोश इंग्लिश की जोड़ी ने पारी को संभाला और स्कोर को 72 रनों तक लेकर गए। प्रभसिमरन को क्रुणाल पांड्या ने पवेलियन भेजा जिसके साथ ही मैच में आरसीबी की टीम ने वापसी की और यहां से उन्होंने पंजाब किंग्स को किसी तरह मुकाबले में वापस आने का मौका नहीं दिया। श्रेयस अय्यर जिनसे इस मुकाबले में एक बड़ी पारी की उम्मीद थी वह इस मुकाबले में सिर्फ एक रन बनाकर आउट हो गए।
क्रुणाल पांड्या ने फाइनल मैच में अपने 4 ओवर्स में सिर्फ 17 रन देने के साथ 2 विकेट हासिल किए जिसने इस फाइनल मैच में सबसे बड़ा अंतर पैदा किया। आरसीबी के लिए क्रुणाल के अलावा भुवनेश्वर कुमार ने भी 2 विकेट हासिल किया, जो पहली बार अपने करियर में किसी टी20 मुकाबले के फाइनल मैच में विकेट लेने में कामयाब हो सके।
कोहली की समझदारी भरी बल्लेबाजी ने आरसीबी को 190 के स्कोर तक पहुंचाने में निभाई अहम भूमिका
आरसीबी टीम की फाइनल मुकाबले में बल्लेबाजी प्रदर्शन को लेकर बात की जाए तो उसमें विराट कोहली के बल्ले से निकली 43 रनों की समझदारी भरी पारी के दम पर उनकी टीम 190 के स्कोर तक इस मुकाबले में पहुंचने में कामयाब रहे। कोहली के अलावा रजत पाटीदार ने 26, लियम लिविंगस्टन ने 25 और जितेश शर्मा ने 24 रनों की पारी खेली।