
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) इन दिनों बड़े बदलाव की राह पर दिख रहा है, खासकर T20 फॉर्मेट में। हाल ही में चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन की ओर से दिए गए बयानों ने यह संकेत देना शुरू कर दिया है कि बाबर आज़म, मोहम्मद रिजवान और शाहीन अफरीदी का T20 करियर अब खतरे में है। क्या वाकई पाकिस्तान टीम अब ‘नई सोच और नए चेहरे’ की ओर बढ़ रही है?
PCB के एक वरिष्ठ चयनकर्ता ने बिना नाम लिए कहा कि “अब हमें लंबी अवधि के लिए युवा और फिट खिलाड़ियों पर भरोसा करना होगा जो आधुनिक T20 की मांग को समझते हैं।” क्रिकेट जानकारों का मानना है कि यह टिप्पणी सीधे तौर पर उन सीनियर खिलाड़ियों के लिए है जो हाल के टूर्नामेंटों में उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए, जिनमें बाबर, रिजवान और शाहीन जैसे दिग्गज शामिल हैं।
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T20 वर्ल्ड कप 2024 में पाकिस्तान का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। बाबर और रिजवान की पारियों को ‘धीमा’ और ‘टेम्पो ब्रेकर’ कहा गया, वहीं शाहीन की गेंदबाज़ी में भी धार नज़र नहीं आई। ये प्रदर्शन न सिर्फ टीम की हार की वजह बने, बल्कि इनके भविष्य पर भी सवालिया निशान छोड़ गए।
सोशल मीडिया पर जहां कुछ फैन्स इन खिलाड़ियों के समर्थन में खड़े हैं, वहीं एक बड़ा तबका नए चेहरों को मौका दिए जाने की मांग कर रहा है। पूर्व कप्तान रमीज़ राजा ने कहा, “अगर टीम को T20 में आगे बढ़ाना है तो बड़े नामों को नहीं, बड़े प्रदर्शन को प्राथमिकता देनी होगी।”
बाबर, रिजवान और शाहीन जैसे खिलाड़ी पाकिस्तान क्रिकेट के स्तंभ रहे हैं, लेकिन आधुनिक T20 की मांग अलग है—आक्रामकता, फ्लेक्सिबिलिटी और यंग एनर्जी। PCB के हालिया रुख को देखकर लगता है कि अगले चंद महीनों में पाकिस्तान की T20 टीम एक नए युग में प्रवेश कर सकती है—जहाँ सीनियर्स की जगह यंगस्टर्स लेंगे। क्या यह बदलाव सही दिशा में कदम है, या अनुभव की अनदेखी भारी पड़ेगी? इसका जवाब समय देगा।