
- भारत सरकार के निदेर्शों के क्रम में योग सप्ताह के दौरान -Break प्रोटोकॉल/ऐप को सरकारी कार्यालयों में लागू करने की योजना
- केंद्रीय आयुष मंत्रालय के डिजिटल संसाधनों जैसे नमस्ते योग ऐप, -Break ऐप, योग कैलेंडर, योग शब्दकोश का किया जाएगा व्यापक प्रचार-प्रसार
- दफ्तरों और कार्यस्थलों पर बैठे-बैठे काम करने वाले कर्मचारियों को तनाव से राहत देना है -Break योगा का उद्देश्य
- कर्मचारियों को मिलेगा मानसिक और शारीरिक राहत का संक्षिप्त योग विराम
- रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और NGO के सहयोग से उढ कार्यशालाएं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के मद्देनजर योग को आम जनजीवन और सरकारी कार्य संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करने जा रही है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाए गए -Break योगा प्रोटोकॉल को अब उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में लागू किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार न केवल योग की परंपरा को आगे बढ़ा रही है, बल्कि दफ्तरों में तनावमुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक उपाय भी कर रही है। इसी दिशा में “-Break यानी “योग विश्राम” को सरकारी कर्मचारियों की दिनचर्या में शामिल करने की योजना बनाई गई है।
क्या है –Break
यह एक संक्षिप्त योग अभ्यास है जिसे खासतौर पर दफ्तरों और कार्यस्थलों पर काम करने वालों के लिए तैयार किया गया है। इसकी अवधि 5 से 10 मिनट की होती है और इसमें गर्दन, कमर, पीठ से जुड़ी हल्की योग क्रियाएं, गहरी श्वास और ध्यान जैसी तकनीकें शामिल हैं। इसका उद्देश्य काम के बीच मानसिक थकान को दूर करना, शरीर में खिंचाव और स्फूर्ति लाना, मन को पुन: केंद्रित और ऊजार्वान बनाना है।
डिजिटल टूल्स से मिलेगा सहारा
योग के प्रचार-प्रसार के लिए केंद्र सरकार के डिजिटल संसाधनों जैसे नमस्ते योग ऐप,Break ऐप, योग कैलेंडर, योग शब्दकोश का उपयोग किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इनका व्यापक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
CYP कार्यशालाएं और सामुदायिक सहभागिता
योगी सरकार की मंशा है कि केवल सरकारी दफ्तर ही नहीं, बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी योग संस्कृति विकसित हो। इसके लिए एनजीओ के माध्यम से योग विशेषज्ञों को जोड़ा जाएगा और कॉमन योगा प्रोटोकॉल की कार्यशालाएं तथा आॅनलाइन ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए जाएंगे। इस पहल में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे योग केवल अधिकारियों और कर्मचारियों तक सीमित न रह जाए, बल्कि आमजन के जीवन का भी हिस्सा बने।