
इजरायल द्वारा की गई इस बमबारी में मुख्य रूप से ईरान के रक्षा प्रतिष्ठानों, मिसाइल अड्डों और कमांड सेंटर्स को निशाना बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार, यह हमला रात के अंधेरे में किया गया ताकि ईरानी वायुसेना को जवाबी कार्रवाई करने का मौका न मिल सके। इजरायल की वायुसेना ने अत्याधुनिक ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करते हुए यह रणनीतिक ऑपरेशन अंजाम दिया।
ईरान ने इस हमले को ‘युद्ध की घोषणा’ करार देते हुए गंभीर नतीजों की चेतावनी दी है। सरकारी मीडिया ने बताया कि ईरान के कुछ एयर डिफेंस सिस्टम्स ने मिसाइलों को इंटरसेप्ट भी किया, लेकिन कई टारगेट पर सटीक हमले हुए हैं। ईरानी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सीमा क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं।
हमले के बाद कई ईरानी शहरों में बिजली गुल हो गई और संचार व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। लोग रातभर बंकरों और सुरक्षित स्थानों में शरण लेते रहे। अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं पर दबाव बढ़ गया है। कई स्थानों पर अफरा-तफरी की स्थिति देखी गई है और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।
इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता की लहर दौड़ गई है। संयुक्त राष्ट्र और कई यूरोपीय देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका ने भी स्थिति पर नजर रखने की बात कही है और किसी भी प्रकार के बड़े युद्ध को टालने के प्रयास की मांग की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है।