
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की गई। इस दौरान आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। साथ ही कैबिनेट ने स्पेस मिशन के लिए ग्रुप कैप्टन शुभ्रांशु शुक्ला को बधाई दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी। बता दें कि देश में आज ही के दिन साल 1975 में इंदिरा गांधी की सरकार ने आपातकाल लगाया था। ऐसे में आज कैबिनेट की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि इमरजेंसी में संविधान को कुचला गया। इस काले दिन को देश भूला नहीं सकता। कैबिनेट की इस बैठक में कई अहम व बड़े फैसले भी लिए गए।
कैबिनेट के बड़े फैसले
- पुणे मेट्रो विस्तार के लिए 3626 करोड़ रूपये की मंजूरी।
- झरिया कोल्फील्ड में पुनर्वास के संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी, जिसके लिए 5940 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
- आगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर के रीजनल सेंटर को मंजूरी दी गई। इसके लिए 111.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
क्या बोले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव?
कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्तावों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आज कैबिनेट बैठक में तीन बड़े फैसले लिए गए। पुणे मेट्रो विस्तार के लिए 3626 करोड़ रुपये पारित किए गए। दूसरा, झरिया (झारखंड) भूमिगत आग का बहुत पुराना मुद्दा है। इसके लिए 5940 करोड़ रुपये का संशोधित मास्टर प्लान स्वीकृत किया गया। तीसरा, आगरा में 111 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र स्थापित किया जाएगा।” अश्विनी वैष्णव ने आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उन अनगिनत व्यक्तियों के बलिदान को याद करने और सम्मानित करने का संकल्प लिया, जिन्होंने आपातकाल और भारतीय संविधान की भावना को नष्ट करने के उसके प्रयास का बहादुरी से विरोध किया था।”
अश्विनी वैष्णव ने ‘संविधान हत्या दिवस’ पर कही ये बात
अश्विनी वैष्णव ने कहा, “एक विध्वंस जो 1974 में नव निर्माण आंदोलन और संपूर्ण क्रांति अभियान को कुचलने के एक कठोर प्रयास के साथ शुरू हुआ था। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज की बैठक में उन लोगों को श्रद्धांजलि के रूप में दो मिनट का मौन रखा गया, जिनके संवैधानिक रूप से गारंटीकृत लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए थे और जिन्हें फिर अकल्पनीय भयावहता का सामना करना पड़ा था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल की ज्यादतियों के प्रति उनके अनुकरणीय साहस और वीरतापूर्ण प्रतिरोध को श्रद्धांजलि दी। वर्ष 2025 संविधान हत्या दिवस के 50 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है, जो भारत के इतिहास का एक अविस्मरणीय अध्याय है, जहां संविधान को नष्ट कर दिया गया था, और भारत के गणतंत्र और लोकतांत्रिक भावना पर हमला किया गया था।”