
बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला कारागार में बुधवार को एक कैदी की अचानक तबियत खराब होने पर उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहां पर उसकी मौत हो गयी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गोंडा जिला निवासी बृजेश अवस्थी बस्ती जिला कारागार में कुछ समय से न्यायिक हिरासत में था।
बुधवार की सुबह उसके सीने में अचानक दर्द होने लगा जिसके बाद उन्हें जिला कारागार से जिला अस्पताल लाया गया जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी है। बृजेश अवस्थी के विरूद्ध कई गम्भीर धाराओं में गोंडा जिले में लगभग 40 मुकदमें दर्ज है। दिसम्बर 2024 में इनको गोण्डा जेल से बस्ती जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था तब से ये बस्ती जिला कारागार में बन्द था।
तत्कालीन डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल के समय भू माफिया घोषित किए गए बृजेश अवस्थी की बस्ती जेल हिरासत में मौत हो गई। इसके पहले भी भूमि की हेराफेरी में जेल में बंद दो लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है। लगातार तीन मौतों से जेल प्रशासन व जिम्मेदारों पर अंगुलियां उठने लगी है।
भू माफिया बृजेश अवस्थी की इलाज के दौरान मौत
बताया जाता है कि बुधवार सुबह बस्ती जिला कारागार में बन्द बृजेश के सीने में दर्द उठा। जिला प्रशासन ने तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। नगर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले बृजेश अवस्थी को जिला प्रशासन ने भू माफिया की सूची में रखा था। वह काफी समय से स्थानीय जिला कारागार में बंद थे। दिसंबर 24 को उनको जिला कारागार बस्ती में स्थानांतरित किया गया था।
दर्ज थे कई मुक़दमे
बृजेश अवस्थी के खिलाफ फर्जी अभिलेखों के सहारे जमीन बैनामा कराने, 419, 20 के लगभग 40 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। फर्जी अभिलेख के सहारे जमीन कब्जा करने को लेकर उनके मकान पर बुलडोजर भी चलाया गया था। बृजेश की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। बस्ती जिला कारागार के व्यवस्था पर भी उंगली उठ रही है। बताया जाता है कि बृजेश के सीने में दर्द हुआ था जिसकी सूचना उसके द्वारा जिला कारागार बस्ती के अधिकारियों को दी गई।
बृजेश पर फर्जी अभिलेख के सहारे जमीन पर कब्जा करने का आरोप था। फर्जी जमीन रजिस्ट्री के मामले में कई लोग जेल भी गए थे। संगठित गिरोह का संचालन हो रहा था। कुछ लोगों को जमानत भी हो गई थी जबकि कुछ उसके सहयोगी की भी मौत हो चुकी है।
पहले भी हो चुकी है मौत
फिलहाल बस्ती जिला कारागार में बृजेश के मौत को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसके पहले शालिक राम सिंह निवासी परसपुर की जेल में निरुद्ध होने के दौरान तबीयत बिगड़ने से मौत का मामला सामने आया था। इसके बाद राजकुमार लाल श्रीवास्तव की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जमीन की हेराफेरी मामले में जेल में बंद तीन लोगों की मौत से कई सवाल उठ रहे हैं।