आपातकाल की 50वीं बरसी पर बोलीं सांसद सीमा द्विवेदी, सत्ता के लिए कांग्रेस ने लागू किया था इमरजेंसी, प्रताड़ित किये गए लाखों लोग

प्रयागराज। राज्य सभा सांसद श्रीमती सीमा द्विवेदी ने कहा कि आज से ठीक 50 साल पहले 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के लिए आंतरिक खतरा बताते हुए इमरजेंसी लगा दी थी। इमरजेंसी के विरोध में देश में हजारों लोग जेल भेजे गए थे। आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर बीजेपी लोकतंत्र सेनानियों को जगह – जगह कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित कर रही है।
भाजपा की राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। सांसद सीमा द्विवेदी आज प्रयागराज में थी। वह उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के परामर्श समिति की बैठक में शामिल होने सिविल लाइंस स्थित एक होटल में आज आयी थी। उन्होंने कहा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आंतरिक खतरा बताते हुए इमरजेंसी लागू की थी लेकिन देश को किसी तरह का कोई आंतरिक खतरा नहीं था। उन्होंने कहा है कि आपातकाल भारत के लोकतंत्र में एक काला अध्याय के रूप में दर्ज है।
बीजेपी राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा है कि जब उनके प्रतिद्वंद्वी राज नारायण ने उनके निर्वाचन को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जगमोहन सिन्हा ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैध घोषित करते हुए उनके चुनाव लड़ने पर छह साल का प्रतिबंध लगा दिया था जिसकी बौखलाहट में इंदिरा गांधी ने देश के ऊपर आपातकाल थोप दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया है कि इमरजेंसी के दौरान लोगों को प्रताड़ित किया गया। मीडिया पर भी सेंसरशिप लागू कर दी गई थी। मीडिया की आजादी छीन ली गई थी। उन्होंने कहा है कि आज देश के जो मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह है,इमरजेंसी के दौरान उनकी माता जी का देहावसान हो गया था। लेकिन उन्हें अपनी मां की तेरहवीं में जाने नहीं दिया गया। सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा है कि हमारा देश आपातकाल के दौरान आर्थिक मंदी से गुजर रहा था।
उन्होंने कहा कि 1974 में जार्ज फर्नांडीज के रेल आंदोलन से पूरा देश हिल गया था। इसके बाद पूरा देश गुस्से में था और कांग्रेस की सरकार हटाने का लोग मन बना चुके थे। यही वजह है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोप दिया था। उन्होंने इमरजेंसी को काला अध्याय बताते हुए कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का कुकर्म आज भी लोगों की स्मृतियों में ताजा है।