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संस्कृति विभाग ने फूलों की होली में भी कर लिया गबन, शासन ने दिया दोषी के विरुद्ध कार्यवाही का आदेश

संस्कृति विभाग के वाद्ययंत्र घोटाले का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि महाकुम्भ के तहत लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित महाकुम्भ फाग उत्सव के आयोजन में हुए खर्च पर खुद शासन ने ही प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। संस्कृति विभाग द्वारा प्रस्तुत बिल पर संदेह जताते हुए संयुक्त सचिव उमा द्विवेदी ने लाईट पर व्यय हुए 98 हजार 58 रुपये और टेंटेज आदि पर खर्च हुए 99,522 रुपये के भुगतान पर रोक लगाते हुए शेष धनराशि 6,57,397 रुपये का भुगतान वास्तविक बिल एवं वाउचर्स के आधार पर करने का आदेश निदेशक संस्कृति को दिया है।

12 मार्च 2025 को महाकुम्भ के स्वागत में हुए फाग उत्सव के लिए मथुरा से जाग्रति पाल ग्रुप को ब्रजरास एवं फूलों की होली कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया था। संस्कृति विभाग ने कलाकारों को पारिश्रमिक के नाम पर 70 हजार रुपये का भुगतान किया गया जबकि इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मरकरी हाल में साज-सज्जा के नाम पर 84, 677 रुपये खर्च कर दिये।

शासन को भेजे गये बिल में लाईट पर 98,058 रुपये, टेंटेज पर 99,522 रुपये, भोजन पर 3,84,720 रुपये और मरकरी हाल का किराये के रूप में 11,800 रुपये का व्यय बताया गया। शासन ने लाईट और टेंटेज के व्यय 1,97,580 रुपये के भुगतान पर रोक लगाते हुए निदेशक संस्कृति विभाग को पत्र भेजा। इस पत्र में कहा गया है कि निदेशक यह सुनिश्चित करें कि समस्त कार्यों का भौतिक सत्यापन कर निर्धारित मानकों का अनुपालन करते हुए भुगतान की कार्यवाही की जाये। स्वीकृत धनराशि का भुगतान वास्तविक बिल और वाउचर्स के आधार पर ही किया जाए।

बिल में दिख रही विसंगति

निदेशक संस्कृति को 30 मार्च 2025 को संयुक्त सचिव उमा द्विवेदी का आदेश मिला जिसमें मिले दिशा-निर्देशों का पालन हो पाता उससे पहले ही विशेष सचिव रवीन्द्र कुमार की 31 मार्च को लिखी चिट्ठी उनकी टेबल पर पहुंच गई। इसमें बताया गया है कि 12 मार्च को हुए आयोजन के लिए 11 मार्च को 34 लाख 98 हजार की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था लेकिन बाद में बिल 8,54,977 रुपये का प्राप्त हुआ। विशेष सचिव ने लिखा है कि एक ही कार्यक्रम से सम्बन्धित प्रस्ताव में विसंगति स्पष्ट नजर आ रही है। विशेष सचिव ने निदेशक को निर्देशित किया है कि गलत भुगतान कराने के प्रयास के दोषी के विरुद्ध गबन के लिए कार्यवाही करते हुए आख्या प्रस्तुत करें।

संयुक्त सचिव उमा द्विवेदी ने निदेशक संस्कृति को 29 अप्रैल को फिर से चिट्ठी भेजकर 31 मार्च की चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा है कि महाकुम्भ फाग उत्सव में गलत भुगतान कराने के प्रयास के लिए दोषी के विरुद्ध गबन की कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया था लेकिन इस सम्बन्ध में क्या कार्यवाही हुई, अब तक नहीं बताया गया। इस सम्बन्ध में शासन ने तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।

थियेटर एंड फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन विपिन कुमार, दबीर सिद्दीकी और शुभम का कहना है कि योगी सरकार की सख्त नीतियों के बावजूद संस्कृति विभाग के अधिकारी घोटालों से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग से जुड़े अन्य विभागों में भी वाद्ययंत्र खरीद में घोटाले किये गए हैं, लेकिन कहीं से कोई कार्यवाही होती नजर नहीं आ रही है।

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