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कोविड-19 के मामले बढ़ रहे लेकिन ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण : अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि शहर में कोविड-19 के दैनिक मामले और उपचाराधीन मरीजों की संख्या भले ही बढ़ रही हो, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ज्यादातर मरीजों में या तो लक्षण नहीं हैं या बहुत हल्के लक्षण हैं और लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ रही है। उन्होंने यह दिखाने के लिए आंकड़े प्रस्तुत किए कि मामलों में वृद्धि के बावजूद, अस्पतालों में बिस्तर की जरूरत एक प्रतिशत से भी कम है और पिछले साल अप्रैल में आई कोरोना वायरस की घातक दूसरी लहर की तुलना में बहुत कम है।

केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, “वर्तमान में, शहर में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 6,360 है और आज (रविवार) 3,100 नए मामले सामने आ सकते हैं। सभी मामले हल्के हैं और उनमें से ज्यादातर रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि उपचाराधीन मामलों की संख्या 29 दिसंबर, 2021 को करीब 2,000 रहने के बाद एक जनवरी को करीब 6,000 हो गई, लेकिन अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या इस दौरान घटी। उन्होने कहा कि 29 दिसंबर, 2021 को 262 बिस्तरों पर लोग भर्ती थे, लेकिन एक जनवरी को यह संख्या महज 247 थी।

केजरीवाल ने कहा कि नये स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, केवल 82 ऑक्सीजन बेड पर मरीज हैं और 99.72 प्रतिशत बिस्तर खाली हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “पिछले तीन दिनों में इस संख्या में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है, जिसका मतलब है कि किसी नए मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है। जरूरत पड़ी तो दिल्ली सरकार ऐसे 37 हजार बिस्तर के लिए तैयार है।” उन्होंने कहा कि पिछले साल 27 मार्च को दिल्ली में 6,600 उपचाराधीन मरीज थे और 1,150 ऑक्सीजन बिस्तर भरे हुए थे। उन्होंने कहा कि उस वक्त 145 मरीज वेंटिलेटर पर थे, और अब बस पांच हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि उस अवधि के दौरान दिल्ली में एक दिन में लगभग 10 मौतें दर्ज हो रही थी। वर्तमान में, दैनिक मृत्यु संख्या शून्य या एक है। दिल्ली में शनिवार को 2,716 नये मामले सामने आए थे, जो पिछले साल 21 मई के बाद से सबसे ज्यादा हैं और संक्रमण दर बढ़कर 3.64 प्रतिशत हो गई है। केजरीवाल ने कहा, “एक अप्रैल को, जब शहर में पिछली बार लगभग 2,700 मामले दर्ज किए गए थे, तब लगभग 1,700 ऑक्सीजन बेड भर गए थे और 231 मरीज वेंटिलेटर पर थे।”

उन्होंने कहा, “मैं ये आंकड़े यह दिखाने के लिए पेश कर रहा हूं कि वर्तमान में कोरोना वायरस के मामले बहुत हल्के हैं और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। हमें जिम्मेदारी से काम करना है, मास्क पहनना है, नियमित रूप से हाथ धोना है और सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करना है।” बाद में एक बयान में उन्होंने कहा कि विरले ही कोई मरीज है, जो अस्पताल में भर्ती हो रहा है और उसे ऑक्सीजन की आवश्यकता है जबकि 6,000 मरीज उपचाराधीन हैं। अस्पतालों में केवल 0.22 प्रतिशत बिस्तरों पर ही मरीज हैं जबकि 99.78 प्रतिशत बिस्तर अब भी खाली हैं।

उन्होंने लोगों से न घबराने की अपील की लेकिन साथ ही कहा कि उन्हें कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने में पूरी तरह जिम्मेदार होना होगा। केजरीवाल ने एक बयान में कहा, ‘‘हम सभी को पूरी तरह जिम्मेदार होना होगा, हमें सार्वजनिक रूप से मास्क पहनना चाहिए, सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए और साबुन से हाथ धोने चाहिए। यह स्वरूप (ओमीक्रोन) बहुत बहुत हल्का है और आपकी सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी है, चाहे जो भी स्थिति हो, कृपया घबराए नहीं।’’

शनिवार को, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि अस्पताल में लोगों की संख्या अभी कम है और आगे की पाबंदियों की जल्द ही समीक्षा की जाएगी। नए ओमीक्रोन स्वरूप के उभरने से तीसरी लहर का डर पैदा हो गया है, वहीं राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मामलों में लगातार उछाल आ रहा है, जहां पिछले सात दिनों में 7,865 मामले दर्ज किए गए हैं। संक्रमण दर 26 दिसंबर को 0.55 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 3.64 प्रतिशत हो गई है। शहर में शनिवार को ओमीक्रोन के 351 मामले दर्ज किए गए थे। दिल्ली में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान के तौर पर कड़ी पाबंदियां लगायी गयी हैं।

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