उत्तर प्रदेशउन्नाव

उन्नाव पीड़िता के परिजनों से मिले भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद, बोले- मामले में बड़े लोग भी हैं शामिल, CBI से कराएं जांच

उन्नाव में आजाद समाज पार्टी के संस्थापक और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण देर रात दलित मृतक युवती के घर पहुंचे और  परिजनों से मिले. भीम आर्मी चीफ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के दौरान हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. चंद्रशेखर ने डीएम और एसपी से मुलाकात कर फास्ट ट्रैक में मुकदमा ट्रायल कराकर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलाए जाने की बात भी कही. वहीं उन्होंने पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले दरोगा और एसएचओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग एसपी और डीएम से की है. भीम आर्मी चीफ ने पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से 25 लाख रुपए की मदद किए जाने की मांग भी की है.

सदर कोतवाली क्षेत्र की कांशीराम कॉलोनी में रहने वाली एक दलित युवती का 10 फरवरी को सपा नेता फतेह बहादुर सिंह के दिव्यानंद आश्रम के पास खाली पड़े प्लाट में 4 फीट गहरे गड्ढे में दफनाया हुआ शव मिला था. पूर्व राज्य मंत्री के बेटे रजोल सिंह पर दलित युवती का अपहरण कर हत्या किए जाने का आरोप मृतक युवती के परिजनों ने लगाया है. वहीं युवती के परिजन रेप किए जाने का भी आरोप लगा रहे हैं. दलित युवती की मौत के बाद अलग-अलग दलों के नेता उसके परिजनों से मुलाकात कर रहे हैं.

कांग्रेस के बाद अब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण भी दलित परिवार का हितैषी बनकर युवती के घर पहुंचे. गुरुवार रात करीब 9 बजे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण मृतक युवती के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे. उन्होंने करीब 1 घंटे तक युवती के माता-पिता से बातचीत कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. परिवार से मुलाकात के बाद भीम आर्मी चीफ ने एसपी उन्नाव दिनेश त्रिपाठी और डीएम रविंद्र कुमार से भी मुलाकात की.

इस मामले की कराई जाए सीबीआई जांच

मीडिया से बातचीत में भीम आर्मी चीफ ने बताया, “परिवार के आंसू अभी नहीं सूखे हैं और जितने जिम्मेदार वो आरोपी हैं उतने ही जिम्मेदार एसएचओ और दरोगा भी हैं, जिन्होंने न्याय को प्रभावित किया और जिसकी वजह से देरी हुई. बच्चे की गुमशुदगी की जो रिपोर्ट लिखी जाती है वो भी नही दर्ज हुई. अपहरण की रिपोर्ट की मांग कर रहे थे, वो भी नहीं दर्ज हुई. अगर वह समय से दर्ज हो जाती और आरोपी पर कार्रवाई हो जाती तो मुझे लगता है कि आज वह बच्ची हमारे बीच जिंदा होती.”

उन्होंने कहा, “हम यह प्रयास करेंगे कि जो कार्रवाई हो चुकी है, उसमें निगरानी रखी जाए और क्योंकि इसमें अधिकारी कर्मचारी भी दोषी हैं तो हमारी यह मांग है कि इस घटना की सीबीआई जांच हो. क्योंकि 62 दिन एक बच्ची का गायब होना और फिर पुलिस का उसमें इस तरह का व्यवहार यानी कि इसमें बड़े लोग शामिल हैं और अधिकारी कर्मचारी भी शामिल हैं. इन सब के खिलाफ मुकदमा लिख कर जेल भेजा जाना चाहिए.”

चंद्रशेखर ने आगे कहा कि अगर प्रशासन और पुलिस मिलकर न्याय करती तो शायद मुझे यहां नहीं आना पड़ता, लेकिन अगर इतने बड़ी घटना पर हमें आंदोलन करना पड़े. आपको लड़ना पड़े, अपने हक के लिए सड़कों पर आना पड़े या अधिकारियों से अपनी मांगों के लिए कहना पड़े. इसका मतलब पूरी सरकार और प्रशासन मिलकर वह जो ताकतवर लोग हैं, मंत्री और तमाम नेता उनके आगे नतमस्तक हैं. यानी कि गरीबों को न्याय नहीं मिलेगा. हत्यारोपी के परिवार को खून के आंसू रुला फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चले. हम चाहते हैं कि सीबीआई जांच हो और जिम्मेदार अधिकारियों की सुप्रीम कोर्ट के जजों की निगरानी में जांच हो.

Zee NewsTimes

Founded in 2018, Zee News Times has quickly emerged as a leading news source based in Lucknow, Uttar Pradesh. Our mission is to inspire, educate, and outfit our readers for a lifetime of adventure and stewardship, reflecting our commitment to providing comprehensive and reliable news coverage.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button