रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग की वजह से अभी तक दोनों पक्षों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि 24 फरवरी से जंग की शुरुआत होने के बाद से 7 मार्च तक रूस के 12 हजार सैनिकों को मार गिराया गया है. इसके अलावा, दुश्मन के कई हथियारों और सैन्य वाहनों को भी तबाह किया गया है. रूस ने भी यूक्रेन के हजारों सैनिकों को मारने का दावा किया है. दोनों मुल्कों के बीच जंग की शुरुआत 24 फरवरी से ही हुई थी. इस युद्ध की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा है. अभी तक लाखों की संख्या में लोगों ने पड़ोसी मुल्कों में पलायन किया है.
यूक्रेन की सेना ने कहा कि युद्ध में 24 फरवरी से 7 मार्च तक 12,000 रूसी सैनिकों को ढेर किया गया है. अगर रूस के सैनिक सच में इतनी संख्या में मारे गए हैं, तो ये अफगानिस्तान युद्ध में सोवियत संघ के मारे गए सैनिकों की संख्या को पार कर चुका है. अफगानिस्तान में 80 के दशक में छिड़े युद्ध में 10 हजार सैनिक मारे गए थे. रूस की सेना के 303 टैंक अभी तक तबाह किए जा चुके हैं. इसके अलावा, 1036 आरमर्ड कॉम्बैट व्हीकल, 120 आर्टिलरी सिस्टम, 56 MLRS और 27 एयर डिफेंस सिस्टम को भी तबाह किया गया है. वहीं, यूक्रेनी सेना ने कहा कि रूस के 48 एयरक्राफ्ट, 80 हेलिकॉप्टर, 474 ऑटोमेटिव टेक्नोलॉजी और 3 जहाजों को उड़ा दिया गया है.
सूमी में सुरक्षित कॉरिडोर के लिए बनी सहमति
यूक्रेन के पूर्वी शहर सूमी में रूस के हमलों से नागरिकों को बचाने के मकसद से सुरक्षित कॉरिडोर मंगलवार को खुल गया है. यूक्रेन की प्रधानमंत्री इरिना वेरेश्चुक ने मंगलवार को कहा कि दोनों पक्ष पूर्वी शहर सूमी शहर से नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए यूक्रेन के समयानुसार सुबह 9 से रात 9 बजे तक संघर्ष-विराम के लिए सहमत हो गये हैं. उन्होंने कहा कि सूमी से निकाले जाने वाले लोगों में भारत और चीन के विदेशी छात्र भी शामिल हैं. बसों या निजी कारों में सवार होकर नागरिकों का पहला काफिला यूक्रेन के शहर पोल्टावा की ओर निकल गए हैं. प्रधानमंत्री ने बताया कि रूस के रक्षा मंत्रालय ने इंटरनेशनल रेडक्रॉस को लिखे एक पत्र में इस बारे में सहमति जताई है.
20 लाख लोगों ने छोड़ा देश
वहीं, संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के अनुसार यूक्रेन छोड़कर जाने वाले शरणार्थियों की संख्या मंगलवार को 20 लाख पहुंच गयी जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़ा पलायन है. शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने ट्विटर पर लिखा, ‘आज यूक्रेन छोड़कर जाने वाले शरणार्थियों की संख्या 20 लाख हो गयी है.’ युद्ध की शुरुआत होने के बाद से ही बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन शुरू किया है. इन लोगों ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में शरण ली है.