हार के बाद मायावती ने मीडिया पर लगाया जातिवादी का आरोप, TV डिबेट में नहीं शामिल होंगे बसपा प्रवक्ता
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में एक बार फिर भाजपा को 273 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिल चुका है. वहीं सपा को 125 सीटें मिलीं. लेकिन इस चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन बहुजन समाज पार्टी का रहा. चार बार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद संभालने वालीं मायावती की पार्टी बीएसपी का सूपड़ा साफ हो गया है. इन्हें सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा. वहीं यूपी चुनाव में मिली करारी हार के बाद आज ट्वीट कर उन्होंने मीडिया पर जातिवादी रवैये का आरोप लगा दिया. साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बसपा के सभी प्रवक्ताओं को अब किसी भी टीवी डिबेट में शामिल न होने का निर्देश दिया है.
ट्वीट कर दी जानकारी
मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आकाओं के दिशा-निर्देशन में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण और घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बीएसपी मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है, वह किसी से भी छिपा नहीं है. इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी. इसलिए पार्टी के सभी प्रवक्ता सुधीन्द्र भदौरिया, धर्मवीर चौधरी, डॉ. एमएच खान, फैजान खान और सीमा कुशवाहा अब टीवी डिबेट आदि कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे.
1. यूपी विधानसभा आमचुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आक़ाओं के दिशा-निर्देशन में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बीएसपी मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है वह किसी से भी छिपा नहीं है। इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी।
— Mayawati (@Mayawati) March 12, 2022
2. इसलिए पार्टी के सभी प्रवक्ता श्री सुधीन्द्र भदौरिया, श्री धर्मवीर चौधरी, डा. एम एच खान, श्री फैजान खान व श्रीमती सीमा कुशवाहा अब टीवी डिबेट आदि कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे।
— Mayawati (@Mayawati) March 12, 2022
नतीजों पर एक नजर
2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से बसपा बलिया जिले की रसड़ा सीट पर जीत दर्ज कर पाई है. यहां से उमाशंकर सिंह विधायक चुने गए हैं. जबकि 2017 में बसपा ने 19 सीटें हासिल की थी. इस बार बसपा के वोट प्रतिशत में भी कमी आई है. इनको 13 फीसदी से भी कम वोट मिले हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा अपना करिश्मा नहीं दोहरा सकी. मायावती की पार्टी को सिर्फ 80 सीटें मिली थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा का खाता तक नहीं खुला था.
चार बार यूपी की सीएम रह चुकी हैं मायावती
मायावती ने 3 जून 1995 को उत्तर प्रदेश की पहली दलित महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. वह इस पद पर 18 अक्टूबर 1995 तक बनीं रहीं. दूसरी बार मायावती भाजपा के सहयोग से 21 मार्च 1997 को उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री चुनी गईं. वह इस पद पर 20 सितम्बर 1997 तक रहीं. मायावती तीसरी बार 3 मई 2002 को प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं. वह 26 अगस्त 2003 तक इस पद पर बनी रहीं. मायावती ने चौथी बार 13 मई 2007 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इस चुनाव में बसपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटी थी. वह 6 मार्च 2012 तक पद पर बनी रहीं.
चार बार सांसद चुनी गई थीं मायावती
1989 में मायावती पहली बार सांसद बनी थीं. इसके बाद वह अकबरपुर सीट से 1998 में 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं. 1999 में मायावती लोकसभा चुनाव में फिर से जीतीं. 2004 में भी अकबरपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव जीता था.