उत्तर प्रदेशलखनऊ

उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से छह हजार केंद्रों पर गेहूं खरीद होगी शुरू

  • किसानों को ऑनलाइन कराना होगा पंजीकरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के छह हजार क्रय केंद्रों पर गेंहू की खरीद एक अप्रैल से शुरू होगी। खरीद 15 जून तक चलेगी। सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं का एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) 2015 रुपये प्रति कुन्तल तय किया है। खरीद का लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। गेहूं की खरीद के लिए किसानों को आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा, लेकिन धान बेचने के लिए विपणन वर्ष 2021-22 में जिन किसानों ने पंजीकरण कराया है, उन्हें दोबारा रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है। बल्कि उन्हें अपने पुराने विवरण को अपडेट कर लाक करना होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने में किसानों के समक्ष कोई समस्या नही आनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि क्रय केंद्रों का चयन इस प्रकार किया जाए ताकि किसानों को अपना गेहूं बेंचने के लिए अधिक दूरी तय न करना पड़े। भंडारण गोदामों और क्रय केंद्रों पर गेहूं की सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। प्रत्येक दशा में किसानों को गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। लिहाजा सभी केंद्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ खरीद की जाए और किसानों को उनकी उपज का भुगतान समयबद्ध कर दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये कि गेहूं की खरीद सीधे किसानों के माध्यम से की जाए। जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसानों से गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति कुंतल से कम दर पर क्रय न किया जाय तथा गेहूं क्रय में विचौलियों की संलिप्तता कदापि न हो। खाद्य एवं रसद विभाग के मुताबिक एक अप्रैल से 15 जून तक गेहूं की खरीद होगी। सरकार ने 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं विक्रय के लिए हर किसान को खाद्य विभाग के पोर्टल https://fcs.up.gov.in/ पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। हालांकि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान खरीद के लिए पंजीकरण करा चुके किसानों को दोबारा पंजीयन की जरूरत नहीं होगी, केवल अपने पुराने विवरण को अपडेट कर लॉक करना होगा। किसानों को गेहूं के मूल्य का भुगतान उनके बैंक खाते में ही होगा, ऐसे में एक्टिव बैंक खाता ही पंजीयन विवरण में दिया जाना चाहिए। न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत गेहूं क्रय हेतु खाद्य विभाग की विपणन शाखा, मंडी परिषद, पीसीएफ, पीसीयूपीएसएस एसएफसी एवं भाखा नि.क्रय संस्था के रूप में नामित हैं।

अच्छी साख एवं आर्थिक स्थिति वाले एफपीओ, एफपीसी, पंजीकृत सहकारी समितियों एवं मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी भी क्रय एजेन्सियों से सम्बद्ध होकर गेहूं क्रय कर सकेगी। प्रत्येक क्रय केन्द्र पर दो इलेक्ट्रानिक कांटा, डस्टर अथवा विनोइंग फैन व छलना, नमी मापक यंत्र आदि उपकरण रखे जाएंगे, जिसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने का दायित्य मंडी परिषद का है। किसानों की सुविधा हेतु क्रय केन्द्रों पर बैठने, छाया एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाएगी। क्रय केन्द्रों पर खरीद ई-पोप के माध्यम से किसानों अथवा उनके अधिकृत प्रतिनिधि के बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर की जाएगी। किसानों को क्रय मूल्य का भुगतान उनके आधार लिंक बैंक खाते में कराया जाएगा।

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