
- मंत्रियों की समिति ने जीएसटी काउंसिल को अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के टैक्स स्लैब बढ़ने की खबरों पर फिलहाल विराम लग गया है। दरअसल जीएसटी संबंधी मुद्दों पर निर्णय करने वाली सर्वोच्च संस्था जीएसटी काउंसिल ने टैक्स स्लैब (कर दरें) बढ़ाने को लेकर राज्यों से राय नहीं मांगी है। सूत्रों के मुताबिक मौजूदा जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर रही मंत्रियों की समिति ने जीएसटी काउंसिल को अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है।
दरअसल मीडिया में जीएसटी स्लैब में बदलाव की चल रही खबरों के बाद यह स्पष्टीकरण आया है। जीएसटी काउंसिल ने 143 वस्तुओं पर जीएसटी की दर बढ़ाने के बारे में राज्यों से कोई राय नहीं मांगी है। आधे से ज्यादा उत्पादों को जीएसटी कर की सर्वाधिक 28 फीसदी की श्रेणी में रखने संबंधी प्रस्ताव को खारिज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल ने मौजूदा कर की दरों को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व बढ़ाने के बारे में सुझाव के लिए पिछले वर्ष राज्यों के मंत्रियों की समिति का गठन किया था। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इस समिति के प्रमुख हैं। फिलहाल जीएसटी के चार टैक्स स्लैब 5, 12, 18 और 28 फीसदी हैं। इसके अलावा सोना और स्वर्ण आभूषणों पर 3 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है। जीएसटी काउंसिल में केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।