उप्र में 16 हजार से अधिक युवाओं को गांवों में ही मिलेगा रोज़गार
- ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत एक वर्ष में स्थापित की जाएंगी 800 इकाइयां
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए गांवों को छोड़कर शहरों की ओर पलायन न करना पड़े, इसके लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत एक वर्ष में 800 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य है। इससे 16 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रदेश सरकार ने 2022-23 के बजट में इसके लिए प्रावधान किया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां बताया कि योगी सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। साथ ही रोजगार के लिए युवाओं को अपना गांव-घर छोड़कर शहरों की ओर पलायन न करना पड़े। युवाओं को अपने गांव और आसपास ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हों।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत एक वर्ष में 800 इकाइयां स्थापित करने जा रही है। इससे 16 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके माध्यम से युवा खुद तो रोजगार प्राप्त करेंगे ही, साथ ही दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत रोजगार अथवा व्यवसाय शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये तक रुपये तक बैंक से लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। इस योजना का लाभ महिलाएं भी प्राप्त कर सकती हैं।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार योजना के लिए केवल बेरोजगार युवाओं को ही पात्र माना जाएगा, साथ ही उम्र 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र का स्थायी निवासी होना चाहिए। आईटीआई और पॉलीटेक्निक संस्थाओं से तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार युवाओं को योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।