अमेठी सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने खबर का लिया संज्ञान और उठाया यह कदम।
जैसे ही मीडिया के द्वारा अमेठी जिले के जामो ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत गांव अचलपुर निवासी दोनों हाथों से जन्मजात दिव्यांग छात्रा दीपिका की खबर चलाई गई । तत्काल खबर का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने फोन कर अमेठी के बीजेपी जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी से बात किया और उनको निर्देशित किया कि तत्काल वह दिव्यांग छात्रा दीपिका के घर पहुंचे तथा उसे हर संभव मदद का भरोसा दिलाएं। केंद्रीय मंत्री के निर्देश पर बीजेपी जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी सुबह सुबह ही दिव्यांग दीपिका के घर पहुंच गए । इस दौरान उन्होंने दीपिका के परिजनों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना और दिव्यांग दीपिका के जज्बे को सलाम करते हुए उसे सरकारी मदद दिलाने का पूरा भरोसा दिया। इसी के साथ साथ बिटिया की पढ़ाई सहित अन्य समस्याओं के लिए हर संभव मदद दिलाने की बात कही। उसी समय वहां पर केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी का फोन भी आया और उन्होंने भी दिव्यांग छात्रा के पिता से बात करते हुए पूरी मदद करने को कहा। इस दौरान बीजेपी जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी ने कहा कि हमारे क्षेत्र की ही बिटिया है जो पूरी तरह से दिव्यांग होने के बावजूद वह हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई पूरी कर चुकी है और ग्रेजुएशन शुरू किया है । अपने जज्बे के बदौलत वह पढ़ाई कर रही है उसके जज्बे को मैं सलाम करता हूं। यही नहीं जो निरंतर लिखने पढ़ने वाले लोग हैं जो बराबर अभ्यास करते रहते हैं उनसे भी अच्छी राइटिंग में हाथ नहीं होने के बावजूद दीपिका पैर से लिखती है। इस बात की जैसे ही जानकारी सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से हमारी सांसद एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जी को हुई उन्होंने मुझसे कहा कि वहां पर जाकर बिटिया का मनोबल बढ़ाइए और उसके शिक्षा दीक्षा में जो भी आवश्यकता होगी वह सब मैं अपने स्तर से करूंगी। अभी तक कोई मदद सरकारी मदद ना मिल पाने की बात पर जिलाध्यक्ष ने कहा कि कभी-कभी जानकारी ना होने पर ऐसा हो जाता है । इसके लिए मैं अपने सभी मीडिया बंधुओं का भी तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने इसकी खबर को चलाते हुए प्राथमिकता से यह मुद्दा उठाया है। जिससे यह मामला प्रकाश में आया और इसके लिए हमारी सांसद महोदय अति संवेदनशील है। दिव्यांग छात्रा दीपिका के पिता समर बहादुर ने बताया कि दीदी ने फोन पर बात कर हमें आश्वासन दिया है उन्होंने कहा है कि बिटिया जिस भी स्कूल कॉलेज में पढ़ना चाहती है। उसमें मैं उसका दाखिला कराऊंगी और उसके पढ़ाई लिखाई में जो भी खर्चा आएगा उसको मैं वहन करूंगी इसके लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूं। केंद्रीय मंत्री ने हमारी बिटिया से अपना पारिवारिक रिश्ता बताते हुए कहा कि मैं उसकी बुआ हूं वह मेरे भाई की बेटी है। ऐसे में जो भी खर्च होगा वह मैं स्वयं करूंगी और हर तरह की मदद की जाएगी इसके लिए आप निश्चिंत रहिए। प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट तक शासन प्रशासन स्तर से किसी भी प्रकार का अभी तक कोई सहयोग नहीं प्राप्त हुआ था ना ही दिव्यांग पेंशन मिल रही थी और ना ही किसी भी प्रकार की फीस में कोई छूट मिल रही थी। ऐसे में जो भी खर्च हो रहा था मैं स्वयं वहन कर रहा था। दिव्यांग पेंशन के लिए मैंने 1 वर्ष पहले आवेदन किया था लेकिन वह भी किसी कारण बस अभी तक नहीं मिल सकी है। हमारी बिटिया इस बार इंटर पास कर बीए में पहुंची है । मेरे पास पैसे नहीं थे मैंने ₹500 जमा कर किसी तरह से बीए में दाखिला दिला दिया है । अब दीदी जी के द्वारा यह आश्वासन दिया गया है कि उसका सारा खर्चा वहन करेंगी इसके लिए उनको बहुत बहुत धन्यवाद है।