उत्तर प्रदेशलखनऊ

अधिकतम विद्यूत सप्लाई में उत्तर प्रदेश दूसरे नम्बर पर

  • -चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था के कारण ही 28846 मेगावाट तक हो सकी सप्लाई

लखनऊ। प्रदेश में विद्युत व्यवस्था पहले की अपेक्षा चुस्त-दुरूस्त हुई है। यही कारण है कि अधिकतम विद्युत सप्लाई करने में उप्र महाराष्ट्र के बाद अब दूसरे नम्बर पर आ गया है, लेकिन आने वाले समय में इसे ज्यादा विद्युत आपूर्ति करना पड़ेगा, क्योंकि सूखे की स्थिति में और विद्युत मांग बढ़ सकती है।

इस वर्ष देश के अधिकतम विद्युत सप्लाई वाले राज्यों की सूची देखें तो 28846 मेगावाट विद्युत सप्लाई कर महाराष्ट्र पहले नम्बर पर रहा। वहीं उत्तर प्रदेश के पावर कारपोरेशन ने 26537 मेगावाट अधिकतम बिजली सप्लाई की और देश का दूसरा राज्य अधिकतम विद्युत सप्लाई करने वाला बन गया। गुजरात में अधिकतम सप्लाई 21382 मेगावाट रहा। तमिलनाडु में 17563 मेगावाट और 16012 मेगावाट अधिकतम बिजली सप्लाई के साथ राजस्थान पांचवें नम्बर पर रहा।

उत्तर प्रदेश अपनी चुस्त-दुरूस्त व्यवस्था के कारण यह अधिकतम विद्युत सप्लाई कर सका, लेकिन आने वाले समय में इसे और चुस्त-दुरूस्त करने की जरूरत पड़ेगी। राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि यदि मानसून ठीक नहीं रहा तो सितंबर माह में 27000 मेगावाट तक विद्युत मांग जा सकती है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन को युद्ध स्तर पर काम करना पड़ेगा। आने वाले वर्षों में जब हमारी मांग 28000 और 30000 मेगा वाट के बीच पहुंचेगी तो हमारा पूरा सिस्टम कांपने लगेगा।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि इस वर्ष ज्यादातर राज्यों में अधिकतम पीक डिमांड 20 प्रतिशत से ऊपर चली गयी। आने वाले समय में बिजली व्यवस्था मांग के अनुरूप किये जाने के लिए सरकार को 200 करोड़ रुपये तक का काम अपने अंडर में कराने का फैसला करना होगा। छोटी-छोटी कंपनियों को काम देने पर और व्यवधान उत्पन्न होंगे। इससे उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

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