बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है, जिसमें 5 अक्टूबर को दादर के शिवाजी पार्क में अपनी वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की पार्टी की अनुमति से इनकार करने के बीएमसी के फैसले को चुनौती दी गई है। अदालत को सूचित किया गया कि बीएमसी ने ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों को शिवाजी पार्क में रैली करने के लिए शिवसेना के तथ्यों की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
ठाकरे खेमे की दलील
याचिकाकर्ता ठाकरे खेमे के वरिष्ठ अधिवक्ता अस्पी चिनॉय ने अदालत को बताया कि सीएम एकनाथ शिंदे खेमे के विधायक द्वारा दशहरा रैली आयोजित करने का आवेदन ‘बेतुका’ था और कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा आवेदन पर प्राधिकरण द्वारा विचार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “व्यक्तिगत विधायक के आवेदन दाखिल करने से पूर्वाग्रह पैदा नहीं हो सकता है या संगठन का अधिकार बाधित नहीं हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति का दावा कानून और व्यवस्था की समस्या का कारण बनता है, तो प्राधिकरण को कानून व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए। उस संबंध में बीएमसी का जवाब बेतुका था।”
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या 2016 जीआर ने विशेष रूप से दशहरा मेलाव के लिए अनुमति निर्धारित की थी। जिस पर चिनॉय ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि स्वास्थ्य संकट को छोड़कर शिवसेना हर साल दशहरा मेला आयोजित करती रही है। दालत ने पूछा कि पहले बीएमसी में किसने आवेदन किया था, जिस पर चिनॉय का कहना है कि ठाकरे खेमे ने 22 अगस्त को आवेदन किया था और सरवंकर के वकील ने कहा कि उन्होंने 30 अगस्त को एक आवेदन दायर किया।
बीएमसी का पक्ष
बीएमसी के वरिष्ठ अधिवक्ता मिलिंद साठे ने सवाल किया कि याचिकाकर्ता के क्या अधिकार का उल्लंघन किया गया है। शिवाजी पार्क एक खेल का मैदान है और यह साइलेंस जोन में है। “याचिकाकर्ता का अधिकार क्या है? साठे ने कहा कि आवेदन बीएमसी को किया गया था जो संपत्ति का मालिक है और हमने इसे कानून के अनुसार और दिमाग के तर्कसंगत उपयोग के साथ तय किया है। कोई वैधानिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है और इसलिए इसका कोई उल्लंघन नहीं है।
बीएमसी की तरफ से पेश वकील साठे ने कहा कि ‘शिवसेना की ओर से’ दोनों गुटों से आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बीएमसी के सहायक आयुक्त द्वारा पुलिस आयुक्त को लिखे गए पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि दो पक्षों से आवेदन प्राप्त हुए हैं। बीएमसी ने प्रभादेवी में दो गुटों के बीच विवाद के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला दिया।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि मुंबई नगर निकाय के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के लिए अनुमति देने से इनकार करने का फैसला अपेक्षित था और दावा किया कि यह “भाजपा की लिखी एक खराब स्क्रिप्ट” थी। मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडनेकर और ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना की प्रवक्ता ने भी भाजपा पर आरोप लगाया कि वह 5 अक्टूबर को रैली की अनुमति से इनकार करके उनकी पार्टी को घेरने की कोशिश कर रही है।
इस बीच एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली नवगठित राज्य सरकार पर वेदांत-फॉक्सकॉन संयंत्र मामले पर सवाल उठाने को लेकर महाराष्ट्र में विकास अघाड़ी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्षी दल अब ‘मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं’ वही राजनीतिक दल जिन्होंने सत्ता में अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में कम से कम पांच मेगा परियोजनाओं के लिए बाधा उत्पन्न की।