
- प्रदेशभर में 10 फरवरी से चलेगा अभियान
लखनऊ। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल की पहल पर फाइलेरिया प्रभावित जिलों में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान शुरू हो रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने सहयोगी संस्थाओं सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार), विश्व स्वास्थ्य संघठन, पाथ, पीसीआई एवं जीएचएस के सहयोग से होटल इण्डिया अवध में सोमवार को मीडिया कार्यशाला आयोजित की गयी।
राष्ट्रीय कार्यक्रम एनएचएम के महाप्रबंधक डॉ लक्ष्मण सिंह ने बताया कि भारत में यह बीमारी वर्ष 2027 तक प्राथमिकता से समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसी क्रम में 10 फरवरी अभियान शुरू हो रहा है। इस दौरान एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी। स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा विभिन्न स्थानों पर दवा सेवन के लिए बूथ भी लगेंगे। इस बार शहरी क्षेत्र में अपार्टमेंट्स और मलिन बस्ती में रहने वाले लोगों को खासकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है।
उन्होंने बताया कि जनपद की 51,14,982 लक्षित आबादी को शत प्रतिशत दवा सेवन कराने के लिए 8184 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर, 683 सुपरवाइजर और 4092 टीम कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि आइवरमेक्टिन ऊंचाई के अनुसार खिलाई जाएगी। एल्बेंडाजोल को चबाकर ही खानी है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. ऋतु श्रीवास्तव ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन एक वर्ष के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। एक से दो वर्ष की आयु के बच्चों को केवल एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएंगे। दवा खाली पेट नहीं खानी है।
फाइलेरिया रोगी मनीष और गंगा प्रसाद ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह बीमारी जान तो नहीं लेती है लेकिन जीना मुश्किल कर देती है। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ विमल वैशवार, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सोमनाथ, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी उपस्थित रहे।