सेवा समाप्ति के बाद भी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर जितेंद्र की सेवाएं जारी
अंजुमन पडरौना में तैनात लिपिक बदरुल भी विकास भवन के कार्यालय में देख रहे हैं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का लिपिकीय कार्य

जिम्मेदार ही इतने गैर जिम्मेदार , तो जिम्मेदारी कौन करेगा तय?
आर के भट्ट
ब्यूरो, कुशीनगर
शासन प्रशासन के द्वारा अपनी पारदर्शिता एवं स्वच्छ छवि बनाने का चाहे जितना भी प्रयास किया जाए यदि जिम्मेदार ही जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे तो फिर किसे कहेंगे जिम्मेदार? और यदि कार्य जिम्मेदार संपादित नहीं करेंगे तो शासन की योजनाओं को सही ढंग से लागू कराने के दावे पर प्रश्न खड़ा अवश्य होगा।
बात जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग कुशीनगर की है जहां कंप्यूटर ऑपरेटर जीतेंद्र पुत्र महाजन गुप्ता जो संविदा पर कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्य कर रहे थे की विगत लगभग लगभग 2 माह पूर्व ही संबंधित एजेंसी के द्वारा सेवा समाप्त कर दी गई । परंतु उक्त कंप्यूटर ऑपरेटर के द्वारा लगातार अपनी सेवाएं ऑफिस में रह कर दी जा रही हैं, और शासन प्रशासन के योजनाओं तथा सभी आंकड़ों एवं आदेश को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी लालमन के द्वारा संपादित कराई जा रही है । उन्होंने इस सन्दर्भ में अपना पक्ष रखते हुए बताया कि यह बात सही है कि उक्त कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं समाप्त हो गई हैं फिर भी आवश्यकता के दृष्टिगत उस से काम लिया जा रहा है।
उसी कार्यालय में एक और लिपिक बदरुल के द्वारा सभी लिपिकीय कार्यों को संपादित कराया जाता है जो पडरौना के अंजुमन मदरसा में कार्यरत हैं और उनको अटैच रखने का भी कोई लिखित अथवा शासन का निर्देश नहीं है। इस प्रकार उक्त कार्यालय में शासनादेश को दरकिनार करते हुए अपनी मर्जी से जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के द्वारा उक्त कर्मियों से कार्य लिया जा रहा है।
सूत्रों की माने तो इन कर्मियों से अवैध कार्यों को भी निजी तौर पर संपादित कराया जाता है और इसी लालच बस यह अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि इस बात की सत्यता जांच का विषय है।