विर्मश के उपाध्यक्ष एवं मशहूर शायर मुजीब सिद्दकी का निधन
पैतृक गांव भटनी हरैया में हुए सुपुर्द ए खाक

- ब्यूरो, कुशीनगर
विमर्श साहित्यिक संस्था पडरौना के उपाध्यक्ष एवं मशहूर शायर एडवोकेट मुजीब सिद्दकी मौज का निधन हो गया है। बृहस्पतिवार को सुबह 5:30 बजे छावनी निकट पडरौना स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। वह विगत 11 वर्षों से कैंसर से पीड़ित थे।
11 वर्ष पूर्व टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल मुंबई में उनका सफल ऑपरेशन हुआ था परंतु हर वर्ष जांच कराने के क्रम में विगत 2 वर्षों में कोविड के कारण वह जांच नहीं करा सके थे और उनका कैंसर इसी बीच चौथे स्टेज में पहुंच गया था और मुख से ऊपर मस्तिष्क तक पहुंच गया था। विगत लगभग 8 माह से वाराणसी स्थित मदन मोहन मालवीय कैंसर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था और लगभग 4 माह से वह लिक्विड पर चल रहे थे।
जीवन के अंत तक वह इस असाध्य रोग से मजबूती से संघर्ष करते रहे।
विमर्श साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष आरके भट्ट “बावरा” ने अपना गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा कि उनके इस असमय निधन से जनपद कुशीनगर ही नहीं पूर्वांचल के साहित्य जगत में अपूरणीय क्षति हुई है। संस्था के सचिव जय कृष्ण शुक्ल ने कहा कि मुजीब के निधन ने हम सबको भीतर तक झकझोर दिया है। उनका मिलनसार व्यक्तित्व और उनकी रचनाएं हम सबके लिए यादे और धरोहर है ।कुशीनगर के साहित्य जगत का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तो मुजीब सिद्दकी का नाम स्वर्ण अक्षरों में होगा।
नेहरू इंटर कॉलेज मनसाछापर के प्रधानाचार्य मदन मोहन पांडे, के साथ ही मधुर साहित्यिक संस्था के मधुसूदन पांडे, कवि संतोष संगम ,आकाश महेश पुरी, रेणुका चौहान, रुबी गुप्ता ,सुजीत पांडे, पत्रकार डीके पांडे, समाजसेवी ज्ञानवर्धन गोविंदराव, शायर अश्क वारसी, डॉक्टर दिव्या शुक्ला, नूरुद्दीन नूर, डॉक्टर इम्तियाज समर, अर्शी बस्तवी, बेचू बी ए, बेनी गोपाल शर्मा, आनंद गुप्ता ,कन्हैयालाल करुण, अमजद अली ,इम्तियाज लक्ष्मीपुरी, मनजीत सिंह, अशोक शर्मा, अग्रहर साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष अभिमन्यु पांडे, आदि ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं।