
लखनऊ। राजाजीपुरम स्थित मिनी इंडोर स्टेडियम का जीर्णोद्धार सीमा विवाद में फंस गया है। आवास विकास और खेल विभाग दोनों ही इस स्टेडिमय के जीर्णोद्धार करने से बच रहे हैं। आवास विकास का कहना है कि हम खेलों का संचालन नहीं करते हैं, साथ ही हमारे पास इसके लिए कोई बजट नहीं है। वहीं खेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार जब तक स्टेडियम हमें हैंडओवर नहीं किया जाता है, तब तक हम इसके लिए बजट जारी नहीं कर सकते हैं। इस सीमा विवाद के चलते क्षेत्र में रहने वालों का इसका लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में क्षेत्रीय निवासियों के साथ ही खिलाड़ियों ने सांसद राजनाथ सिंह से गुहार लगाई।
जानकारी मिलने पर राजनाथ सिंह ने इस स्टेडियम का निरीक्षण कर इसे ठीक कराये जाने के निर्देश दिये। इसके बाद पार्टी सदस्यों के साथ ही खेल विभाग के आला अधिकारी भी राजाजीपुरम मिनी इंडोर स्टेडियम पहुंचे। स्टेडियम की बदहाली कर इसकी रिपोर्ट तैयार की गई। क्षेत्रीय लोगों को यह उम्मीद नजर आने लगी कि जल्द ही स्टेडियम का कायाकल्प होगा और उन्हें अभ्यास की सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन अब एक बार फिर से उनकी उम्मीदें मायूसी में बदलने लगी हैं। अब तक इस स्टेडियम के जीर्णोद्धार के लिए किसी भी विभाग ने कदम आगे नहीं बढ़ाया है। आवास विकास और खेल विभाग दोनों ने स्टेडियम का जीर्णोद्धार न करने के लिए अपनी-अपनी मजबूरियां गिना रहे हैं।
बताते चले कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 31 जनवरी 2001 में इसका लोकार्पण किया था। यहां पर बैडमिंटन, टेबिल टेनिस, वॉलीबाल, जूड़ो, ताइक्वांडो और क्रिकेट जैसे खेलों में खिलाड़ियों को अभ्यास की सुविधाएं दी गई। लेकिन अब यह स्टेडियम पूरी तरह से बदहाल हो चुका है। स्टेडियम की अन्दर बैडमिंटन कोर्ट का वुडेन फ्लोट टूट चुका है। छत टपक रही है। दर्शकों के लिए लगाई गई कुर्सियां जर्जर हो चुकी हैं।