
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया अतीक अहमद के छोटे भाई शातिर अपराधी मोहम्मद अशरफ उर्फ खालिद अजीम को धूमनगंज थाना क्षेत्र में 2015 में दो लोगों की हत्या का षड्यंत्र रचने के मामले में मिली जमानत निरस्त कर दी है। कोर्ट ने कहा याची के खिलाफ 51 गंभीर आपराधिक केस दर्ज है। विधायक राजू पाल व दो गनर की दिन दहाड़े हुई हत्या केस में भी आरोपी हैं। एक लाख की ईनामी बदमाश है, जो जेल में बंद हैं।
कोर्ट ने कहा कि हत्या, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती। जमानत देते समय अपराध की प्रकृति सबूतों व समाज पर पड़ने वाले असर पर विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने याची को जमानत पाने का हकदार नहीं माना और अर्जी खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति डी के सिंह ने मोहम्मद अशरफ की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।
प्रयागराज के धूमनगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 25 सितंबर 15 को साढ़े 8 बजे रात शिकायतकर्ता मोहम्मद आबिद फार्च्यूनर कार से गांव जा रहा था।मदरसे के पास नामित सात अभियुक्तों ने पुरानी दुश्मनी के चलते कार पर फायरिंग की। जिसमें दो लोग मारे गए। याची प्राथमिकी में नामजद नहीं था विवेचना के दौरान सबूत मिलने पर उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।
इसके भाई बाहुबली अतीक अहमद पर एक सौ से अधिक आपराधिक केस है। विधायक हत्या केस में भी आरोपी हैं। गिरोह का सरगना है। कोर्ट ने कहा याची पर 51 आपराधिक केस है।हाल ही में राजूपाल हत्या के चश्मदीद गवाह उमेश पाल की हुई हत्या में भी आरोपी हैं। जिसमें दो सुरक्षा गार्ड की भी हत्या की गई है।