
बस्ती। मदरसा हककुल इस्लाम मकतब अरबिया लालगंज में जश्न ए दस्तारबंदी का आयोजन किया गया। समारोह में मदरसे के हाफिज का कोर्स पूरा कर चुके सात छात्रों के सर पर दस्तार बांध कर प्रमाणपत्र दिया गया। लालगंज स्थित मदरसा हक्कुल इस्लाम मकतब अरबिया में जश्न ए दस्तार बंदी और जलसे का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि आये अल जामियातुल इस्लामिया रौनाही के शेख उल हदीस मौलाना बख्शउल्लाह ने हिफ्ज़ की पढ़ाई पूरा करने वाले मोहम्मद नफीस, मोहम्मद फहीम, महमूद आलम, गुलाम मोहिउद्दीन, महबूब आलम, ज़फ़रे आलम, तुफैल अशरफ के सर पर दस्तार बांधा और उन्हें प्रमाण पत्र दिए। एक बैठक में पूरी कुरान सुनने पर मोहम्मद समीर और कामरुज़्ज़मा को प्रबंधक जमील अहमद द्वारा अजमेर शरीफ का टिकट और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य वक्ता मुफ्ती अमानूररब ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मदरसों से देश को शांति और सौहार्द का पैगाम देने वाले हाफिज और मौलाना निकलते हैं। कहा कि जिस बच्चे ने कुरान सीखा वह बहुत बड़ी दौलत पा गया, जिसे बाजार से किसी भी कीमत पर खरीद या किसी पैरवी से नही पाया जाता। इससे बड़ी कोई दौलत नही होती।
शायर अम्बर मुशाहिदी के शेर “अल्लाह भी है तालिबे दीदार तुम्हारा” पर मौजूद लोगों ने खूब दाद दी।
दस्तार पाने वाले बच्चों के परिजनों ने बच्चों का फूल मालाओं से स्वागत किया और अपने कंधे पर उठा कर उनका हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम के अंत मे हिफ्ज़ पढ़ने वाले कारी सरवर और मदरसे के पहले सेवानिवृत्त होने वाले बिस्मिल्लाह को शाल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में अध्यक्ष मोहम्मद इस्माइल, प्रिंसिपल अब्दुल रहीम अशरफी, मोहम्मद शकील, मोहम्मद एहसान, मोहम्मद साजिद, मोहम्मद तुफैल, मोइनुद्दीन अहमद, अबुल वफ़ा, कारी सरवर, मोहम्मद वसीक, हाफिज इस्राइल, इमरान अली, मोहम्मद यासीन, कारी यूसुफ, मोहम्मद असगर, सेराज अहमद, इज़हार अली, सीमा बानो सहित तमाम लोग मौजूद रहे।