
पडरौना, कुशीनगर। बिना हेलमेट के बाइक चलाने से कलामुद्दीन अंसारी की दुर्घटना में हुई मौत से परिवार दुखी है। परिवार में कमाऊ बेटे के चले जाने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गांव के लोगो ने कहा कि कलामुद्दीन यदि हेलमेट लगाए होता हो उसकी जान बच सकती थी। कलामुद्दीन की सुपुर्द ए खाक होने के दौरान कब्रिस्तान में जुटे क्षेत्रीय लोगों ने हेलमेट पहनकर ही बाइक चलाने की चर्चा कर रहे थे। कोतवाली क्षेत्र के गांव सुखपुरा निवासी 22 वर्षीय कलामुद्दीन राजमिस्त्री का काम कर परिवार चलाता था। 12 मार्च को कलामुद्दीन बाइक से अपने सहपाठी राजमिस्त्री 50 वर्षीय इंदल कुशवाहा निवासी सिसवा नाहर के साथ अपने घर से यूपी बिहार बॉर्डर बांसी के नदी के लगभग दो-तीन किलोमीटर दूरी धवईयां में अपने साले से मिलने जा रहे थे।
इस दौरान बांसी चौकी क्षेत्र के सिंगर पट्टी गांव के सामने रविवार की रात करीब 9 बजे के करीब बिहार की तरफ से तेज रफ्तार से आ रही बस की चपेट में आने से दोनों व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई। उधर पोस्टमार्टम के बाद मृतक निजामुद्दीन की एंबुलेंस से घर आते देख रास्ते में क्या महिलाएं क्या बुजुर्ग क्या युवा बच्चे जो जहां था वहीं से लाश को देखने के लिए उसके घर की तरफ दौड़ गया। ज्यों ही एंबुलेंस से कलामुद्दीन की लाश उसके दरवाजे पर पहुंची मृतक परिवार की महिलाएं अन्य सदस्य दहाड़ मार कर रोने लगे। इसके बाद मानो यहां मौजूद लोगों के भी आंखें नम हो गई। इस दौरान ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अभयानंद कुशवाहा आदी हजारों की संख्या में क्षेत्रीय समाजसेवी जनप्रतिनिधि व्यापारी और गांव से जुड़े महिला पुरुष युवा बच्चे मौजूद थे।