बस्ती

जर्जर सरकारी भवन से हर पल हादसों का खतरा

हादसे की आशंका और मौत के खौफ में काम कर रहे कई विभागों के कर्मचारी, जान जोखिम में डालकर डयूटी करते है प्रधान डाकघर के कर्मचारी

बस्ती। हर पल हादसे की आशंका और मौत का खौफ, पता नही जर्जर भवन गिरकर जिंदगी को दफन कर दे। लेकिन न तो जिम्मेदार को परवाह है और न ही भवन के रखवालों को, जिले में जर्जर होते भवनों को लेकर प्रशासन बेखबर है। बरसात के सीजन में यह भवन कभी भी ढह सकते है, सबसे अधिक खतरा प्रधान डाक घर के जर्जर भवन को लेकर है, यहां काम करने वाले कर्मचारी हर पल जान के जाखिम की आशंका में जीते है, उन्हे हर पल यह खतरा सताए रहता है कि कहीं यह जर्जर भवन ढह न जाए और उन्हे अपनी जान गंवानी पड़े।

शहर में कई सरकारी व निजी भवन जर्जर हैं। इन जर्जर भवनों को ढहाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। जब कहीं किसी जिले में जर्जर भवनों से कोई हादसा होता है तो जिम्मेदार जागते हैं और जर्जर भवनों को चिंहित करने की कवायद शुरू होती है, फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। जिससे कभी भी जर्जर भवनों के चलते किसी बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है।

गांधी नगर स्थित प्रधान डाकघर की दीवार, छत काफी जर्जर हो चुकी है। इस भवन के नीचे लगभग सैकड़ों लोग काम करते है। इस बिल्डिंग में सिर्फ एक ही मेन दरवाजा है। भवन की दीवार व छत की ईट प्रतिदिन टूट टूट कर गिरती जा रही हैं। प्रधान डाकघर के एक कर्मचारी ने बताया कि एक दिन छत से ईट टूट कर गिरा था, गनीमत रही कि किसी के ऊपर नही गिरा, अगर किसी के ऊपर टूटा हुआ ईट गिरता तो उसकी जान जा सकती थी। प्रधान डाकघर में काम करने वाले लगभग सभी कर्मचारियों का कहना है कि यहां इस बिल्डिंग में नौकरी करना जान पर खेलने के बराबर है।

इसी प्रकार जिला सूचना कार्यालय का भी भवन जर्जर है। इस भवन में भी लगभग आधा दर्जन लोग काम करते है। इन दोनो सरकारी भवनों का हाल काफी जर्जर है।

 

क्या कहते है भवन निर्माण विशेषज्ञ इंजीनियर

इस बारे में भवन निर्माण विशेषज्ञ इंजीनियर से बातचीत की गई । विशेषज्ञ के अनुसार विभिन्न प्रकार की मकान की छतें मुख्य रूप से 6 प्रकार की होती हैं। जिसमें आरसीसी लेंटर, ईट वाला लेंटर, डाट , टाइल वाला लेंटर, सीरकी वाली, पत्थर स्लेट वाली छत शामिल हैं। आरसीसी लेंटर की उम्र करीब 60 से 80 साल, ईंट वाले लेंटर की छत 50 से 60 साल,डाट वाली छत की उम्र 30 से 40 साल तक, टाइल वाले छत की उम्र करीब 40 साल आंकी जाती है। कहा कि प्रधान डाक घर काफी पुराना हो चुका है, इसको प्रशासन को जल्दी विशेष टीम गठित कर जांच करा कर भवन का ध्वस्तीकरण कराकर फिर से नया निर्माण समय रहते कराना चाहिए, जिससे भविष्य में होने वाली आकस्मिक घटनाओं से बचा जा सकता है।

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