
बस्ती। सार्वजनिक जीवन में लोगों को ऐसे मौका का हिस्सा बनना पड़ता है जहां वह ऐसे पल हो या अवसर भी भावनात्मक के साथ-साथ यादगार बन जाता है। गुलाम नबी साहब के साथ मुझे कई वर्षों का साथ रहा है वह हमेशा पहले जैसे ही स्नेहिल और अपनापन हमेशा एक जैसा ही रहा। कभी कमी नहीं होने दी , ऐसे शानदार व्यक्तित्व जैसे व्यक्ति मैंने अपनी जिंदगी में बहुत कम देखें हैं, मैंने उन्हें हमेशा नैतिकता और कर्तव्य बोध की पृष्ठभूमि पर सबसे ऊंचा ही पाया है , उनकी बहुत सी बातों ने मुझे व्यक्तिगत रूप से प्रभावित किया है और उनके साथ लंबे समय के साथ रहने के साथ मुझे बहुत कुछ सीखने को भी मिला है, ईश्वर आपको हमेशा स्वस्थ और खुशहाल रखे,आप अपने जीवन में पीछे पलटकर देखोगे तो आपको अपना परिश्रम, समर्पण एवं अपना प्रेम नजर आएगा जो इंसान की सबसे बड़ी पूंजी होती है ,यदि आप अपने भविष्य के जीवन को देखेंगे तो आपको लगेगा कि अभी तो बहुत कुछ देखने/करने को शेष है। अभी भी आपको अपने बहुत से सपने पुरे करने है। एक अभिभावक की तरह आप हमेशा हम लोगों के बीच रहेंगे। अपने सभी वरिष्ठ एआरपी साथियों के साथ आज रहने का सौभाग्य मिला इसलिए सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद।